भाकपा माले विधायक विनोद सिंह ने कहा है कि हेमंत सरकार वर्तमान भाषा आधारित नियोजन नीति को अविलंब वापस लेना चाहिए. इस मामले को लेकर सर्वदलीय बैठक के जरिए सरकार झारखंड की भाषा नीति तय करे. आंदोलनकारियों से बातचीत कर मामले का समाधान निकाले. समय रहते सरकार इस मामले पर पहल नहीं की तो भाकपा माले नियुक्ति एवं स्थानीयता आधारित नियोजन के सवाल पर 10 फरवरी को राज्यव्यापी छात्र-युवा आंदोलन शुरू करने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि भाकपा माले 1932 का खतियान या राज्य में हुए अंतिम सर्वे आधारित स्थानीयता नीति के पक्ष में है और स्थानीयता ही नियोजन का आधार बनाया जाना चाहिए. हेमंत सरकार के गठन के समय से ही रघुवर सरकार की स्थानीयता एवं भाषा नीति को वापस लेने की मांग भाकपा-माले करती रही है. रघुवर सरकार द्वारा स्थापित इन नीतियों को पार्टी ने हमेशा झारखंड विरोधी करार दिया है. भाकपा माले नेताओं ने इन नीतियों को हेमंत सरकार द्वारा जारी रखे जाने पर तीखी आलोचना की है. इसे झारखंडी जन भावना से खिलवाड़ कहा है.
झारखंडी युवाओं की उपेक्षा कर कोई भी सरकार राज्य में चैन से नहीं रह सकती है. हेमंत सरकार की अनदेखी की वजह से भाजपा जैसी झारखंड विरोधी और आपस फूट डालने वाली ताकतों को यहां राजनीतिक रोटी सेंकने का मौका मिल रहा है. माले विधायक विनोद सिंह वर्तमान स्थानीयता नीति को वापस लेने के लिए सदन में सवाल भी उठाया था लेकिन इसे वापस लेने से हेमंत सरकार मुकरती रही है. भाकपा माले राज्य सचिव मनोज भक्त कहा कि हेमंत सरकार युवाओं के आक्रोश को समझे और प्रदेश में स्थानीयता एवं बेरोजगारी के समाधान के लिए त्वरित कदम उठाए.