
डा. लोहिया ने सत्ता से सवाल पूंछने की ताकत दिया-महेन्द्रनाथ यादव
कार्यक्रम में वक्ताओं ने डा. लोहिया के विचारों पर प्रकाश डालते हुये उन्हें नमन् किया।
स्वतंत्र प्रभात
बस्ती जिले में समाजवादी आन्दोलन के अगुवा डॉ. राम मनोहर लोहिया को उनकी 54 वीं पुण्य तिथि पर याद किया गया। समाजवादी पार्टी कार्यालय पर मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने डा. लोहिया के विचारों पर प्रकाश डालते हुये उन्हें नमन् किया।
समाजवादी पार्टी जिलाध्यक्ष महेन्द्रनाथ यादव ने कहा कि आज लोकतंत्र का लगातार क्षरण हो रहा है। डा. लोहिया ने आजाद भारत में सत्ता से सवाल पूछना सिखाया और सत्ता के खिलाफ रहकर भारतीय राजनीति के साथ भारतीयों के मन-कर्म पर गहरा प्रभाव छोड़ा। वह हमेशा समाज और सरकार को एक साथ, एक रास्ते पर और एक समान बनाने के लिए कार्य करते रहे। उनका समाजवाद विश्व इतिहास से सीखते हुए भारतीय सभ्यता, भारतीय संस्कृति और भारतीय मानवतावाद से प्रभावित था। ऐसे महान व्यक्तित्व से प्रेरणा लेकर उनके अधूरे सपनों को पूरा करने का संकल्प लेकर सपा चुनाव मैंदान में उतरेगी।
पूर्व विधायक राजमणि पाण्डेय ने कहा कि लोहिया भारतीय राजनीति में गैर कांग्रेसवाद के शिल्पी थे। उन्हे देश में गैर-कांग्रेसवाद की अलख जगाने वाले नेता के तौर पर जाना जाता है। डा. लोहिया चाहते थे कि दुनियाभर के सोशलिस्ट एकजुट होकर मजबूत मंच बनाए. और उनके अथक प्रयासों का फल था कि 1967 में कई राज्यों में कांग्रेस की पराजय हुई, हालांकि केंद्र में कांग्रेस जैसे-तैसे सत्ता पर काबिज हो पाई।
लोहिया ने जो गैर-कांग्रेसवाद की अलख जगाई थी, वह आगे चलकर 1977 में केंद्र में पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार के रूप में फलीभूत हुई. लोहिया मानते थे कि अधिक समय तक सत्ता में रहकर कांग्रेस अधिनायकवादी हो गई थी और वह उसके खिलाफ संघर्ष करते रहे। उन्होने जनहित के सवालों को लेकर आजीवन संघर्ष किया।
समाजवादी चिन्तक चन्द्रभूषण मिश्र ने कहा कि राममनोहर लोहिया प्रखर चिंतक तथा समाजवादी राजनेता थे। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान और स्वतंत्रता के बाद ऐसे कई नेता हुए, जिन्होंने अपने दम पर शासन का रुख बदल दिया उनमें से ही एक थे राममनोहर लोहिया। अपनी प्रखर देशभक्ति और समाजवादी विचारों के कारण डॉ. लोहिया ने अपने विरोधियों के बीच भी अपार सम्मान हासिल किया।
डा. राम मनोहर लोहिया के पुण्य तिथि पर आयोजित कार्यक्रम को मुख्य रूप से पूर्व विधायक रामललित चौधरी, जितेन्द्र उर्फ नन्दू चौधरी, दूधराम, जावेद पिण्डारी, जमील अहमद, हाफिज इलियास, समीर चौधरी आदि ने सम्बोधित करते हुये कहा कि डा. लोहिया के राजनीति का पथ जन सरोकारों से जुड़ा था, नई पीढी को उनसे प्रेरणा लेना चाहिये। कार्यक्रम में अरविन्द सोनकर, वृजेश मिश्र, रजवन्त यादव, अनिल निषाद, फूलचन्द श्रीवास्तव,
मो. सलीम, आर.डी. निषाद, रन बहादुर यादव, श्याम सुन्दर यादव, अनमोल श्रीवास्तव स्वप्निल, विजय विक्रम आर्य, अखिलेश यादव, घनश्याम यादव, अभिषेक उपाध्याय, मो0 जावेद, मुरली पाण्डेय, मो. मोइन, धर्मराज यादव, राजकुमार यादव, अशोक यादव, रामउजागिर गौतम, रामवृक्ष यादव, जहीर अंसारी, भोला पाण्डेय, सुशील यादव, युगुल किशोर चौधरी, चन्द्र प्रकाश सोनी, विश्वजीत यादव, दीपक कुमार आर्य,
पंकज आर्य, फैजान सूर्यबंशी, मो. हारिश, आदित्य शर्मा , विश्वनाथ चतुर्वेदी, इकबाल अहमद ‘काजू’ रजनीश यादव, विजय बहादुर भारती, के साथ ही पार्टी के अनेक नेता, अजय चौधरी, बैजनाथ शर्मा, धु्रवचन्द चौधरी, अखिलेश मौर्य के साथ ही सपा के अनेक पदाधिकारी, कार्यकर्ता शामिल रहे।
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