तीन महीने में तीन पत्रकारों की हत्या-11 पर मुकदमा-प्रियंका गांधी

तीन महीने में तीन पत्रकारों की हत्या-11 पर मुकदमा-प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी का योगी सरकार पर वार बलिया में पत्रकार की हत्या के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है. प्रियंका गांधी ने यूपी सरकार की आलोचना की है. पत्रकारों की हत्या पर सवाल उठाते हुए प्रियंका ने कहा है कि यूपी सरकार का पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतंत्रता को लेकर ये रवैया निंदनीय है.उत्तर

प्रियंका गांधी का योगी सरकार पर वार


बलिया में पत्रकार की हत्या के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है. प्रियंका गांधी ने यूपी सरकार की आलोचना की है. पत्रकारों की हत्या पर सवाल उठाते हुए प्रियंका ने कहा है कि यूपी सरकार का पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतंत्रता को लेकर ये रवैया निंदनीय है.
उत्तर प्रदेश में हो रहीं अपराध की घटनाओं पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा योगी सरकार को लगातार घेर रही हैं. एक तरफ उन्होंने यूपी के दो दिन का अपराध मीटर जारी किया है, वहीं दूसरी तरफ ये भी बताया है कि तीन महीने में यूपी में तीन पत्रकारों की हत्या कर दी गई. 


पत्रकारों की हत्या पर सवाल उठाते हुए प्रियंका ने कहा कि यूपी सरकार का पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतंत्रता को लेकर ये रवैया निंदनीय है. बता दें कि बलिया में 24 अगस्त को एक पत्रकार की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जिसके बाद एक बार फिर पत्रकारों के साथ ही अपराध की घटनाओं की चर्चा होने लगी. 
प्रियंका गांधी ने भी इस मसले पर मंगलवार को एक ट्वीट किया और बाकायदा हत्या किए गए पत्रकारों की लिस्ट के साथ योगी सरकार से जवाब मांगा. प्रियंका ने अपने ट्वीट में लिखा, ”19 जून- शुभममणि त्रिपाठी की हत्या, 20 जुलाई- विक्रम जोशी की हत्या, 24 अगस्त- रतन सिंह की हत्या. पिछले 3 महीनों में 3 पत्रकारों की हत्या, 11 पत्रकारों पर खबर लिखने के चलते एफआईआर.’

 
ये नाम गिनाते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि यूपी सरकार का पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतंत्रता को लेकर ये रवैया निंदनीय है.
गौरतलब है कि बलिया में एक न्यूज चैनल के पत्रकार रतन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई. पुलिस का कहना है कि पुरानी रंजिश के चलते ये हत्या की घटना हुई है. इस मामले में 10 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, जबकि प्रभारी निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है. इससे पहले जुलाई में गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी की भी हत्या कर दी गई थी. उन्होंने अपनी भांजी से छेड़छाड़ का विरोध किया था, जिसके बाद बदमाशों ने उनकी हत्या कर दी. इस वारदात में पुलिस पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगे थे. 


वहीं, जून में उन्नाव जिले में पत्रकार शुभममणि त्रिपाठी की लखनऊ-कानपुर हाइवे पर दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस घटना की मुख्य आरोपी एक महिला भूमाफिया दिव्या अवस्थी थी, जिसे उसके पति के साथ गिरफ्तार कर लिया गया था. शूटरों के लिए इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया था. अब एक बार फिर एक पत्रकार की हत्या से यूपी की सियासत सुलग गई है. 

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