
संकट में राजस्थान की गहलोत सरकार
मध्यप्रदेश के बाद अब राजस्थान में भी कांग्रेस सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट दर्जन भर विधायकों के साथ कांग्रेस हाईकमान का दरवाजा ख़टखटाने दिल्ली पहुंच चुके हैं। ऐसे में पार्टी एक बार फिर से पुरानी समस्या से जूझती नजर आ रही है और वो है आपसी संवाद की कमी।
मध्यप्रदेश के बाद अब राजस्थान में भी कांग्रेस सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट दर्जन भर विधायकों के साथ कांग्रेस हाईकमान का दरवाजा ख़टखटाने दिल्ली पहुंच चुके हैं। ऐसे में पार्टी एक बार फिर से पुरानी समस्या से जूझती नजर आ रही है और वो है आपसी संवाद की कमी।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच टकराव सतह पर आ गया है। राज्य में सत्ताशीर्ष पर बैठे दो नेताओं की लड़ाई से जुड़ा है। एक ओर जहां राज्य के मुख्यमंत्री खुद़ ताल ठोंक रहे हैं वहीं उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भी सीधे मुकाबले को तैयार हैं। दोनों के बीच का विवाद एस.ओ.जी. पर टिका है, जिसका गठन खुद अशोक गहलोत ने किया है। इसका मकसद राज्यसभा के चुनाव के वक्त विधायकों की ख़रीद फरोख्त पर नज़र रखना था।
राज्य भले अलग हैं लेकिन कहानी फिर वही दोहराई जा रही है। मध्यप्रदेश में आंतरिक कलह के चलते सरकार गंवाने वाली कांग्रेस पार्टी में अंदरूनी संकट फिर गहरा गया है, इस बार बारी है राजस्थान की।
अब इसी एसओजी ने राज्य के उपमुख्यमंत्री को नोटिस भेज दिया है। बताया जा रहा है कि सचिन पायलट इससे काफी नाराज हैं और उन्होंने अपनी बात रखने के लिए बाकायदा आलाकमान से समय मागा है। सूत्रों की मानें तो इस वक्त सचिन पायलट के साथ 13 कांग्रेस विधायक और 3 निर्दलीय विधायक हैं।
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