अतर्रा पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट द्वारा

अतर्रा पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट द्वारा

विश्व ट्रामा दिवस पर दी गई जानकारी


 स्वतंत्र प्रभात 
 


बाँदा अतर्रा पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट द्वारा विश्व ट्राम दिवस मनाया गया इंस्टीट्यूट फैकेल्टी नर्सिंग पूनम वर्मा, ज्योत्सना राजपूत आयुषी गुप्ता ने निःशुल्क चल रहे नर्सिंग जागरूकता प्रशिक्षण में ट्राम पर विशेष जानकारी दी चिकित्सा का प्रमुख केन्द्र एवं प्राथमिक उपचार ट्रामा में ही होता है व्यक्ति के शरीर में अचानक लगने वाला घात ट्राम होता है ट्रामा के अभाव में व्यक्ति मृत्यु और विकलांगता के केस बढ़ते हैं

 ट्रामा जागरूकता उपाय और प्रशिक्षण से विकलांगता और मौतो को काफी हद तक रोका जा सकता है इंस्टीट्यूट निदेशक आरके द्विवेदी ने बताया कि भारत में प्रति दिन 400 से अधिक लोग ट्राम के अभाव में काल के मुह समा जाते हैं एनसीआरबी के अनुसार भारत में 1.35 लाख से अधिक लोग सडक दुर्घटना के सिकार होते हैं जिन्हें ट्राम सुविधा न मिलने से मौत भी हो जाती हैं ट्राम बचाव में सडक दुर्घटना प्रमुख है 

दुर्घटना टर आपातकाल नम्बर 112 पर जल्द से जल्द काल करें क्योंकि घायल व्यक्ति के लिए हर एक मिनट जीवन के लिए महत्वपूर्ण होता है घायल व्यक्ति का रक्त रोकने का प्रयास करें सीपीआर का प्रशिक्षण ट्राम व्यक्ति का जीवन बचा सकता है ट्राम दिवस पर महिमा सोनी, मोनिका यादव, सरस्वती, अर्पिता, मृणालिनी सिंह गौतम, नेहा शुक्ला, काजल तिवारी, नेहा, अनामिका, संगीत, रागनी, पूनम, निधी, आयुषी सेन आदि नर्स सहायक प्रशिक्षितों ने प्रतिभाग किया।
 

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