नाली विवाद को लेकर पीड़ित ने पुलिस से की शिकायत, लगाई न्याय की गुहार

नाली विवाद को लेकर पीड़ित ने जल निकासी के लिए ग्रामीणों ने स्थानीय पुलिस को तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई है वहीं पीड़ित का आरोप है कि नाली की सफाई करने गए सफाई कर्मी को नाली साफ करने से मना कर दिया। जिससे पीड़ित परिवार समेत कई लोगो के घर के आगे गंदा पानी

नाली विवाद को लेकर पीड़ित ने जल निकासी के लिए ग्रामीणों ने स्थानीय पुलिस को तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई है वहीं पीड़ित का आरोप है कि नाली की सफाई करने गए सफाई कर्मी को नाली साफ करने से मना कर दिया। जिससे पीड़ित परिवार समेत कई लोगो के घर के आगे गंदा पानी जमा हो रहा है। कैथा निवासी अमित वर्मा पुत्र राजेश ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया है कि उनके घर के आगे पुश्तैनी नाली है जिस नाली के जल निकास को गांव के विपक्षी हरिवंश पुत्र मैनू जबरन बंद करवा रहे हैं जिससे नाली का पानी स्वयं सहित कई लोगो के आवागमन में असुविधा हो रही है वहीं जब नाली की सफाई के लिए कर्मचारी को बुलाया गया। तो विपक्षी गाली देकर सफाई कर्मचारी को भगा देते हैं विरोध करने पर गाली गलौज व मारपीट पर आमादा हो जाते हैं इस संबंध में जब गांव के नव निर्वाचित प्रधान उमेश चंद्र वर्मा से नाली विवाद की जानकारी की गई तो उनके तानाशाही रवैए को देखकर क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।

ग्राम प्रधान के बिगड़े बोल “कैथा प्रधान बोल रहे है सफाई कर्मी को मना किया है सफाई नही होगी

फतेहपुर बाराबंकी – एक तरफ भारत के प्रधानमंत्री स्वयं स्वच्छ भारत अभियान के तहत लगातार देश की जनता को जागरूक कर रहे हैं तथा वैश्विक महामारी के बीच प्रत्येक गांव में विशेष स्वच्छता अभियान चलाकर साफ सफाई कराई जा रही है लेकिन तहसील फतेहपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत कैथा में ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि ग्राम प्रधान उमेश चंद्र द्वारा गांव के कुछ हिस्से में नालियों की सफाई कराई जा रही थी तथा मात्र एक क्षेत्र को छोड़कर पूरे गांव में साफ सफाई कराई गई जिसको लेकर क्षेत्रवासियों ने सफाई कर्मी से नालियों को सफाई करने के लिए कहा जिस पर सफाई कर्मी द्वारा बताया गया कि ग्राम प्रधान ने स्पष्ट रूप से इस क्षेत्र की नालियों की सफाई पर रोक लगा दी गई है

और जब तक आदेशित न किया जाए तब तक सफाई नहीं कराई जा सकती है। जिसको लेकर क्षेत्र के लोगों में काफी आक्रोश देखने को मिला। और ग्रामीणों ने जब इसकी जानकारी संवाददाता को दिया गया तो ग्राम प्रधान द्वारा संवाददाता पर दबाव बनाने के लिए फोन किया औऱ जब आक्रोशित ग्रामीणों की बात रखी गई तो भड़के प्रधान ने कहा कि ” तुम सीधे लिख दो की ग्राम प्रधान कैथा नाम है उमेश चंद्र ने सफ़ाई कर्मी को नाली साफ करने के लिए मना किया है”। बाकी कोई दिक्कत नही है हम समझ लेंगे। यह शब्द प्रधान के आखिर किस ओर इशारा कर रहे है। पदभार संभालते ही प्रधान के बदले रुख से ग्रामीणों में आक्रोश देंखने को मिला।

 

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