डा.अशोक कुमार सिंह ने महिला शक्ति एवं सुरक्षा से संबंधित विभिन्न कानूनी जानकारी

स्वतंत्र प्रभात बलरामपुर बलरामपुर महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा एवं सम्मान के लिए चल रहे अति महत्वपूर्ण मिशन शक्ति कार्यक्रम के अनतर्गत आज पांचवें दिन दिनांक 21अक्टूबर 2020 को राजकीय महाविद्यालय बिलोहा, गैंसड़ी ,बलरामपुर में महिलाओं और बालिकाओं के सुरक्षा सम्बंधित अधिकारों, नियमों ,कानूनों तथा उनके स्वास्थ्यवर्धन एवं पोषण के प्रति जागरूक करने हेतु एक

स्वतंत्र प्रभात बलरामपुर

बलरामपुर महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा एवं सम्मान के लिए चल रहे अति महत्वपूर्ण मिशन शक्ति कार्यक्रम के अनतर्गत आज पांचवें दिन दिनांक 21अक्टूबर 2020 को राजकीय महाविद्यालय बिलोहा, गैंसड़ी ,बलरामपुर में

महिलाओं और बालिकाओं के सुरक्षा सम्बंधित अधिकारों, नियमों ,कानूनों तथा उनके स्वास्थ्यवर्धन एवं पोषण के प्रति जागरूक करने हेतु एक आनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया गया आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विभागाध्यक्ष विधि संकाय, हरिश्चंद्र पी.जी.कालेज वाराणसी के डा.अशोक कुमार सिंह जी ने महिला शक्ति एवं सुरक्षा से संबंधित विभिन्न कानूनी जानकारी के साथ साथ कोविड-19 (कोरोना वायरस )से संबंधित जानकारी एवं बचाव के उपाय बताए एवं प्रार्थना

की कि नवरात्रि में मां दुर्गा कोरोना रूपी राक्षस का विनाश करें।इस अवसर पर विश्व आयोडीन डेफिशियेंसी डे के तहत आयोडीन की कमी के लक्षणों के प्रति सचेत करने एवं उससे उत्पन्न व्याधियों तथा उससे बचने के सरलतम उपायों पर बोलते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर कमाल अहमद सिद्दीकी ने कहा कि हमारे शरीर में एक विशेष ग्रंथि है जिसका

नाम थायराइड ग्रंथि है.थायराइड ग्रंथि से थायराक्सीन नामक हार्मोन स्रावित होता है . यह हार्मोन बच्चों के संपूर्ण वृद्धि एवं विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ ही ह्रदय और मांस पेशियों की कार्यप्रणाली नियंत्रित रखने में सहायक होती है.आयोडीन एक पोषक तत्व है जो शरीर में थायराइड

हार्मोन बनाने के लिए आवश्यक है।थायराइड की समस्या आयोडीन की कमी से होती है .आयोडीन की कमी के कारण मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, गर्दन में सूजन, त्वचा एवं बालों की समस्या ,कब्जियत-पेट की खराबी का होना, हार्मोनल बदलाव,मोटापा, थकान,घबराहट और अवसाद जैसे लक्षण

परिलक्षित होते हैं. सामान्य समुद्री आहार, प्याज, शकरकंद और दूध या दूध से बने हुए उत्पादों के साथ ही आयोडाइज्ड नमक के इस्तेमाल से आयोडीन की कमी से उत्पन्न परेशानियों से छुटकारा पाया जा सकता है . नवजात शिशुओं में आयोडीन की आपूर्ति मां के दूध पर निर्भर होती है इसलिए मां के शरीर में आयोडीन की कमी उसके शिशु को भी प्रभावित कर सकती है ऐसे में धात्री माताओं को आयोडीन

की कमी से निश्चित रूप से बचना चाहिए। इस अवसर पर महाविद्यालय के वाणिज्य विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा .धीरज कुमार गुप्ता ने कहा कि हमें सरकार के निर्देशों और कोविड-19 से बचाव सम्बंधित गाईड लाइन

का अक्षरशः पालन करना है क्योंकि कोरौना महामारी अभी समाप्त नहीं हुआ है.अतः हमें बचाव अभी भी करना है एवं मेला व त्योहार में विशेष सावधानी बरतनी है।हम सभी को सामाजिक दूरी, मास्क है जरूरी का अनुपालन करना है.

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