सरकारी दावे की खुली पोल समुदायिक स्वास्थ केंद्र में जमकर किया ज्यादा भ्रष्टाचार

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पचपेड़वा में मरे हुए बच्चे को देने के बदले 2000 की मरीज से की गई मांग

सरकारी दावे की खुली पोल समुदायिक स्वास्थ केंद्र में जमकर किया ज्यादा भ्रष्टाचार

किसान यूनियन भानु के कार्यकर्ताओं ने अस्पताल पहुच भ्र्ष्टाचार रोकने की किया उच्च अधिकारियों से मांग

2000 के बदले डिस्चार्ज पेपर देने की आई सामने बात नॉर्मल डिलीवरी पर भी ऑपरेशन क्या बनाती हैं समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कर्मी दबाव

 

विशेष संवाददाता मसूद अनवर की रिपोर्ट

जहां एक तरफ सरकार तमाम सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में सरकार के द्वारा कई योजनाओं के संचालन के माध्यम से गरीबों के कल्याण की बात करती है और संभी तरह की व्यवस्थाएं फ्री देने का दावा करती है। तो वही जो तस्वीर सामने देखने मे आ रही हैं उसे देखने के बाद सरकारों के सारे दावे धरातल पर फेल नजर आ रहे हैं जबकि जनपद बलरामपुर के स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों का दावा है कि भ्रष्टाचार मुक्त स्वास्थ्य सेवाएं आमजन को मिल रही है लेकिन तस्वीर बताती है कि सच क्या है। और कितना मरोजो के इलाज को लेकर नियमों का पालन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पचपेड़वा में किया जा रहा है। बात करते हैं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पचपेड़वा की जहां पर गर्भवती के इलाज के बदले 2000 की मांग की जाती है और जब गरीब मरीज पैसे नही दे पाते हैं तब उनका इलाज नही किया जाता और इलाज न कर मरीज बाहर भेज दिया जाता है। आईए जानते हैं की मरीज शाहिदा खातून को कितने मानसिक उत्पन्न का शिकार होना पड़ा जब उसे बताया जाता है तुम्हें ऑपरेशन से डिलीवरी करवानी होगी 2000 लगेगा । जिसको लेकर काफी विवाद के बाद जब मरीज को पैसा न दे पाने के कारण बलरामपुर रेफर की बात सामने आई तब परिजनों ने अपने मरीज को अस्पताल से बाहर निकलना चाहा और जब मरीज को ईरिक्शा पर बिठाकर दूसरे अस्पताल को ले जाने हेतु बाहर ई रिक्शा पर बिठाया गया तभी ई रिक्शा में ही नॉर्मल डिलीवरी हो गया जिसमे उसको मरा बच्चा पैदा हुआ इसी बात को लेकर मरीज और डॉक्टर में तू तु मैं मैं होने के बात सामने आई है इसी बीच किसान यूनियन भानू के वार्ड अध्यक्ष राधेश्याम गौतम और नगर प्रभारी राजू सिद्दीकी के साथ नगर अध्यक्ष किसान यूनियन भानु आलम खान भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दवा लेने पहुंचे जहां उनको इस बात की जानकारी हुई कि मरीज को बच्चा नहीं दिया गया है और डिस्चार्ज के नाम पैसे की मांग की जारही इसको लेकर किसान यूनियन कार्यकर्ताओं ने समुदायिक स्वास्थ केंद्र पचपेड़वा अधीक्षक ,सीएमओ बलरामपुर से फोन पर बात कर ऐसे स्वास्थ कर्मचारियों पर कार्रवाई करने की मांग की बात कही है और मांग न पूरा होने के क्रम में आलम खान ने बताया कि अगर समुदायिक स्वास्थ केंद्र पचपेड़वा की हालत ऐसी रही तो हमें जिला अध्यक्ष बृजेश कुमार विश्वकर्मा से विचार विमर्श कर सीएससी पचपेड़वा में अनिश्चित कालीन धरना देने को मजबूर होंगे। जब बात आगे बढ़ने लगा तो मरीज को स्वास्थ्य केंद्र पचपेड़वा के डॉक्टरों ने बच्चा मरीज को सौंप दिया जिसका अंतिम संस्कार किया जा चुका है। वही इस मामले को लेकर पीड़ित पक्ष ने थाना पचपेड़वा में तहरीर देकर न्याय की गोहार लगाई है लेकिन यहां एक बात यह समझ में नहीं आ रही है की सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों का उत्पीड़न कब रुकेगा और मानवता कब तक यहां शर्मशार होती रहेगी।

इस सम्बंध में जब सीएमओ बलरामपुर को फोन किया गया तो उनका फोन किन्ही कारणों से नही लगा जिससे उनका पक्ष नही मिला।

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