नौकरशाह करा रहे सरकार की किरकिरी, जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायतों का हो रहा फर्जी निस्तारण ।

नौकरशाह करा रहे सरकार की किरकिरी, जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायतों का हो रहा फर्जी निस्तारण ।

नौकरशाह करा रहे सरकार की किरकिरी, जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायतों का हो रहा फर्जी निस्तारण । ब्यूरो खबर विकास कार्यों से लेकर बुनियादी समस्याओं के समयबद्ध और समुचित समाधान के लिए बनाए गए जनसुनवाई पोर्टल अफसरों की आंकड़ेबाजी के कारण मजाक बन गए हैं। सरकार की मंशा थी कि पोर्टल के जरिए लोगों की भागदौड़

नौकरशाह करा रहे सरकार की किरकिरी, जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायतों का हो रहा फर्जी निस्तारण ।

ब्यूरो खबर

विकास कार्यों से लेकर बुनियादी समस्याओं के समयबद्ध और समुचित समाधान के लिए बनाए गए जनसुनवाई पोर्टल अफसरों की आंकड़ेबाजी के कारण मजाक बन गए हैं। सरकार की मंशा थी कि पोर्टल के जरिए लोगों की भागदौड़ बचेगी और उन्हें अपने घर और क्षेत्र में ही अपनी शिकायतों का निदान मिल जाएगा पर कमोवेश हर विभाग जनसरोकार से जुड़ी शिकायतों को लेकर उदासीन है। सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण का मामला हो या छात्रवृत्ति और खाद्यान्न वितरण में अनियमितताओं की बात या फिर टूटी सड़कों और गंदगी की शिकायत, अफसर और उनके अधीनस्थ ज्यादातर के निस्तारित होने का दावा कर वाहवाही लूट रहे हैं। दरअसल, मातहत दफ्तर में बैठ कर ही समस्याओं का निस्तारण दिखा कर फाइल क्लोज कर देते हैं और आला अफसर स्थलीय सत्यापन में रुचि नहीं दिखाते हैं। नतीजतन, शिकायतकर्ता और पीड़ित आदमी निस्तारण के फर्जीवाड़े की फाइल लेकर फिर से दफ्तरों के चक्कर लगाने लगता है।  दैनिक स्वतंत्र प्रभात अखबार कुछ ऐसे ही मामलों की पड़ताल कर रहा है, ताकि प्रशासनिक तंत्र की लापरवाही को सामने लाने वालों का हौसला न टूटे और आम लोगों को व्यवस्था परिवर्तन का अहसास हो।  

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