जब कैंसर पीड़ित का मनोबल बढ़ाने के लिए एडीजी जोन ने बनाया एक दिन का एडीजी

जब कैंसर पीड़ित का मनोबल बढ़ाने के लिए एडीजी जोन ने बनाया एक दिन का एडीजी

जब कैंसर पीड़ित का मनोबल बढ़ाने के लिए एडीजी जोन ने बनाया एक दिन का एडीजी


एडीजी प्रेम प्रकाश ने पेश की मानवता की मिसाल।

स्वतंत्र प्रभात प्रयागराज

ब्यूरो दया शंकर त्रिपाठी की रिपोर्ट।

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अपनी कार्यकुशलता तथा विभागीय कार्य में भी मानव सेवा की सदैव तलाश में प्रयासरत रहने वाले अफसर के रूप में प्रसिद्ध अपर पुलिस महानिदेशक जोन प्रयागराज प्रेम प्रकाश के द्वारा प्रयागराज के 12 साल के कैंसर पेशेंट हर्ष दूबे की मदद के लिए ज़िले के  तीन अलग अलग वर्ग के सामने आए है । 

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एडीजी प्रेम प्रकाश ने पेश की मानवता की मिसाल।

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हर्ष का हौसला बढ़ाने के लिए एडीजी प्रेम प्रकाश ने बॉडी किट देने के साथ साथ हर्ष को एक दिन का एडीजी प्रयागराज भी बनाया। हर्ष भी एक वरिष्ठ अधिकारी की तरह  आज एडीजी ऑफिस में बैठकर पुलिस व्यवस्था को समझा व कई डॉक्यूमेंट पर सिग्नेचर भी किये ।कमला नेहरू हॉस्पिटल के डॉक्टर और पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित डॉक्टर बी पॉल के साथ साथ डॉक्टर राधा रानी घोष और सर्जन डॉक्टर विशाल केवलानी व समाजसेवी पंकज रिज़वानी भी मौजूद रहे। हर्ष के पिता शहर में ई-रिक्शा चलाते हैं ऐसे में हर्ष का इलाज कर रहे डॉक्टर की टीम और एडीजी प्रेम प्रकाश ने फैसला लिया की हर्ष का मनोबल बढ़ाने के लिए कुछ ऐसा कार्य करेंगे जिससे हर्ष गौरवान्वित महसूस करें। 

 इसी के चलते आज एडीजी प्रेम प्रकाश ने हर्ष को एक दिन का एडीजी बनाया और वह सारे कार्य उससे लिए गए जो कार्य एडीजी के द्वारा किए जाते हैं।हर्ष का इलाज कर रहे डॉक्टर पॉल ने कहां की कैंसर पेशेंट को हिम्मत हमेशा बनाकर रखनी चाहिए कैंसर लाइलाज बीमारी तो है लेकिन अगर सही से इलाज हो और पेशेंट के अंदर हिम्मत हो तो लाइलाज बीमारी का इलाज भी संभव  है। 

एडीजी कार्यालय में सीट पर बैठने के बाद पुलिस की तरह से हर्ष को सलामी दी गई।हर्ष के पिता संजय दुबे अपने बेटे की इस उपलब्धि पर बेहद खुश हैं।उन्होंने एडीजी जोन प्रेम प्रकाश जी के इस उदारता कथा हर्ष के साहस और मनोबल बढ़ाने वाले कार्य से बेहद अभिभूत हैं और उन्होंने भूर भूर तारीफ करते हुए कहा है कि ऐसा अधिकारी

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