Indian Currency: नोट पर क्यों लिखा होता है “मैं धारक को…”, कौन तय करता है डिजाइन और कितनी भाषाओं में छपी होती है कीमत?
नोट की डिजाइन कैसे तय होती है?
भारतीय करेंसी के डिजाइन मनमाने ढंग से नहीं बनाए जाते। भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम की धारा 25 के तहत नोट का डिज़ाइन, उपयोग होने वाली सामग्री, रंग, आकार और थीम सबसे पहले RBI का केंद्रीय बोर्ड सुझाता है। इसके बाद केंद्र सरकार अंतिम मंजूरी देती है। इसी प्रक्रिया के बाद कोई भी नया नोट जारी किया जाता है।
“मैं धारक को… रुपये अदा करने का वचन देता हूं” क्यों लिखा होता है?
हर भारतीय नोट पर लिखा यह वाक्य कोई साधारण लाइन नहीं बल्कि RBI की कानूनी जिम्मेदारी का प्रमाण है। RBI अधिनियम 1934 की धारा 26 के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक नोट के मूल्य की गारंटी देता है। यानी अगर आपके पास 100 रुपये का नोट है, तो RBI इस मूल्य को आपको हर हाल में अदा करने का वचन देता है।
RBI के नियमों के अनुसार यदि नोट का 51% से अधिक हिस्सा सुरक्षित है, तो बैंक उसे नए नोट से बदल देता है। इसलिए पुराना, गंदा या फटा नोट भी बैंक में बदला जा सकता है।

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