
बह रही विकास की गंगा में गोता लगाने को मजबूर ग्रामीण
पहली बारिश ने ही खोल दी विकास की पोल संवाददाता -जय दीप सिंह सरस परसपुर गोण्डा- केन्द्र व राज्य की सरकारें अपने अपने विकास व विकास पैकेज का ढिंढोरा भले ही पीट लें लेकिन जमीनी स्तर पर वास्तविकता कुछ और ही है। ग्रामीण क्षेत्रों को विकसित करने के लिए जहाँ तमाम तरह की घोषणाएं व
पहली बारिश ने ही खोल दी विकास की पोल
संवाददाता -जय दीप सिंह सरस
परसपुर गोण्डा-
केन्द्र व राज्य की सरकारें अपने अपने विकास व विकास पैकेज का ढिंढोरा भले ही पीट लें लेकिन जमीनी स्तर पर वास्तविकता कुछ और ही है। ग्रामीण क्षेत्रों को विकसित करने के लिए जहाँ तमाम तरह की घोषणाएं व पैकेज सरकार द्वारा जारी किए जा रहे हैं।

वहीं पहले से ही भूखे बैठे प्रशासनिक जिम्मेदार व ग्राम प्रधान आपस में मिलीभगत से जनता व सरकार दोनों को चूना लगा रहे हैं।ऐसा ही एक मामला परसपुर थाना क्षेत्र की सरैंया का है। जहाँ अभी एक महीने के अन्दर ही कराए गये विकास कार्यों ने पहली बारिश में ही दम तोड़ दिया। आलम ये है ग्राम पंचायत के चार पाँच मजरों को मुख्य मार्ग से जोड़ने वाली सड़कें बहकर तालाब में पहुँच गई हैं यहाँ तक कि कुछ सड़कें तो खुद ही तालाब में परिवर्तित हो गई हैं।
बारिश के बाद से यहाँ के पटकनपुरवा, मिश्रनपुरवा, शुक्लनपुरवा, अहिरनपुरवा,सोनबरसा, झरसाहवा गोडियनपुरवा आदि मजरों के लगभग सैकड़ों लोगों को आवागमन में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।यहाँ के ग्रामीणों ने बताया कि प्रधान अपनी दबंगई और प्रशासनिक पहुँच के कारण मनमानी व अवैध काम करते रहे हैं लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
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