लॉक डाउन और प्रवजन आदेश के झमेले में गंडक नदी का एफ्लैक्स पर संकट

लॉक डाउन और प्रवजन आदेश के झमेले में गंडक नदी का एफ्लैक्स पर संकट

तो 63 फीसदी हीं सिल्ट उराही का हुआ कार्य नदी के गर्भ में सिल्ट भरने से गंडक बराज पर बरसात में बढता है, प्रलयंकारी दबाव वर्ष 2002 के 23 जुलाई की रात में टूटा था एफ्लैक्स नेपाल में मची थी तबाही – स्वतंत्र प्रभात वाल्मीकिनगर। लाॅक डाउन के कारण नेपाल बाॅडर

तो 63 फीसदी हीं सिल्ट उराही का हुआ कार्य

नदी के गर्भ में सिल्ट भरने से गंडक बराज पर बरसात में बढता है, प्रलयंकारी दबाव   

वर्ष 2002 के 23 जुलाई की रात में टूटा था एफ्लैक्स नेपाल में मची थी तबाही


      – स्वतंत्र प्रभात

वाल्मीकिनगर।

लाॅक डाउन के कारण नेपाल बाॅडर सील होने के चलते फिलवक्त गंडक नदी के दायें तटबंध (नेपाली क्षेत्र) का सुरक्षात्मक कार्य ठप्प पडा है। बताते चलें कि रिभराईन ड्रेजिग इण्डिया लि . कोलकाता को 5. 38 करोड़ में  गंडक बराज के जलाशय से सिल्ट निकासी का जिम्मा सौपा गया था ।  इस एजेंसी को 1. 77 हजार क्यूबिक मीटर सिल्ट निकासी करनी थी । एजेंसी के द्वारा लगभग 63 फीसदी कार्य पूर्ण कर लिया गया है। 

बताते चलें कि गंडक बराज का डिजाइनिग डिस्चार्ज क्षमता साढ़े आठ लाख क्यूसेक है।  लेकिन नदी के तलहटी में सिल्ट जमा होने के कारण इसकी डिस्चार्ज क्षमता में व्यापक कमी आई है।  23 जुलाई 2002 को 6 लाख 29 हजार जल दबाव के कारण गंडक बराज का दायां एफ्लैक्स बांध टूट गया था । जिससे सीमावर्ती नेपाल में व्यापक क्षति हुई थी । गंडक बराज नियंत्रण-कक्ष के सूत्रों ने बताया कि गंडक बराज से जुडी नदी के गर्भ  में सिल्ट जमा हो जाने से इसकी क्षमता घटकर 6 लाख क्यूसेक हो गई है। 

लॉक डाउन और प्रवजन आदेश के झमेले में गंडक नदी का एफ्लैक्स पर संकट
सिल्ट उराही का उपस्कर समेट किनारे लगा स्टीमर, तो बराज पर लगा नो-इन्ट्री का बैरियर गंडक बराज के दायें तटबंध के तबाही का मंजर रचने का हाल बंया करता ? 

21 जुलाई 2016 की मध्य रात्रि गंडक बराज का 33 नंबर फाटक क्षतिग्रस्त हो गया था। फिलहाल   गंडक बराज के दायें तटबंध एफ्लैक्स बांध से नेपाल के त्रिवेणी स्थित वैष्णव टोला तक 350 मीटर टो-वाॅल सहित स्प्रोन का निर्माण किया गया  है । लेकिन बाॅडर सील होने के कारण निर्माण सामग्री नेपाल नहीं जाने के कारण गंडक बराज के दाएं तटबंध का सुरक्षात्मक कार्य अवरुद्ध है। जिसके चलते इस बार बरसात में एफ्लैक्स को लेकर विभाग में आपा-धापी मची है वहीं, नेपाल के अधिकारियों के साथ भारतीय अभियंताओ की चौथी बैठक भी नकारा साबित है।

वैसे बराज प्रशासन की ओर से नेपाल के नवलपरासी सीडीओ को लिखित आवेदन भेजकर निर्माण सामग्री लगभग बीस हजार बोरी सिमेन्ट व बालू सरीखे सामानों को नेपाल के वर्क साइट तक ले जाने की अनुमति का अनुनय किया गया है। यदि समय रहते नेपाल प्रशासन सहयोग नहीं करता तो दरके एफ्लैक्स का तटबंध फिर भयंकर तबाही रच सकता है।

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