पचपेड़वा ब्लॉक की गौशालाओं में तड़प रहे गोवंश

 भाथर और आदमतारा में बदइंतजामी की पोल—न चारा, न दाना, मौत का इंतजार कर रहे निराश्रित पशु

पचपेड़वा ब्लॉक की गौशालाओं में तड़प रहे गोवंश

शासन से बजट जारी, मगर जमीन पर बदहाली—दोनों पंचायतों की गौशालाओं में मवेशी मरने को मजबूर

पचपेड़वा, बलरामपुर। पचपेड़वा विकासखंड के ग्राम पंचायत भाथर एवं आदमतारा की गौशालाओं में निराश्रित गोवंश की दुर्दशा लगातार गहराती जा रही है। शासन की ओर से गौशालाओं के संचालन हेतु बजट जारी होने के बावजूद जमीनी स्तर पर हालात बेहद भयावह हैं। गौशालाओं में न हरा चारा उपलब्ध है और न ही दाना-पानी की स्थायी व्यवस्था, जिसके कारण कई गोवंश दिन–प्रतिदिन कमजोर होते हुए दम तोड़ रहे हैं। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि गौशालाओं में रखरखाव के नाम पर केवल कागजी खानापूर्ति हो रही है। वास्तविकता यह है कि कई दिनों से न तो चारा डाला गया, न ही पशुओं की नियमित देखभाल की गई है। गोवंश के सामने सूखा चारा भी उपलब्ध नहीं होने के कारण जानवर चारे के लिए इधर-उधर भटकते दिख रहे हैं। कई पशु भूख से निढाल होकर जमीन पर पड़े दिखाई देते हैं, जबकि बाकी मवेशी कंकाल जैसी स्थिति में खड़े हैं।
 
भाथर और आदमतारा दोनों गौशालाओं में साफ-सफाई की स्थिति भी चिंताजनक है। गौशालाओं में भारी गंदगी, बदबू और फफूंद जैसी परिस्थिति पशुओं के स्वास्थ्य को और खराब कर रही है। ग्रामीणों के मुताबिक, गौशालाओं में तैनात कर्मचारियों की उपस्थिति “कागजी” है, जबकि वास्तविक रूप से वहां कोई जिम्मेदार व्यक्ति मौजूद नहीं रहता। ग्रामीणों ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि कई बार शिकायतें दर्ज होने के बावजूद अधिकारी मौके पर जांच करने नहीं पहुंचे। यदि अधिकारियों ने समय रहते संज्ञान लिया होता तो गोवंश की जानें बचाई जा सकती थीं। अब भी अनेक पशु गंभीर हालत में हैं जिन्हें तत्काल चारा-दाना और उपचार की जरूरत है।
 
ग्रामीणों का आरोप है कि शासन द्वारा दी जा रही धनराशि आखिर कहां जा रही है, इसकी उच्चस्तरीय जांच आवश्यक है। बिना चारे और देखभाल के गोवंश की यह स्थिति न केवल गंभीर लापरवाही को दर्शाती है, बल्कि जिम्मेदारों की कार्यशैली पर बड़े प्रश्नचिह्न खड़े करती है। स्थानीय निवासियों ने जिला प्रशासन से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि अगर जल्द ही चारा-दाना, पानी और पशु चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गईं तो आने वाले दिनों में और भी गोवंश की मौतें होने की आशंका है। ग्रामीणों ने दोषियों पर कार्रवाई और गौशालाओं की नियमित मॉनिटरिंग की भी मांग उठाई है, ताकि भविष्य में ऐसी भयावह स्थिति दोबारा न उत्पन्न हो।

About The Author

स्वतंत्र प्रभात मीडिया परिवार को आपके सहयोग की आवश्यकता है ।

Post Comment

Comment List

आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel