संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार अब विकल्प नहीं, बल्कि अनिवार्यता: प्रधानमंत्री मोदी
International Desk
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में व्यापक सुधारों की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि वैश्विक भू-राजनीतिक परिस्थितियों के बदलते स्वरूप को देखते हुए अब बदलाव "विकल्प नहीं, बल्कि अनिवार्यता" बन चुका है। वह रविवार को आयोजित इब्सा (भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका) नेताओं के शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
प्रधानमंत्री ने आतंकवाद को वैश्विक शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा बताते हुए कहा:
“आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमें घनिष्ठ समन्वय के साथ आगे बढ़ना होगा। इतने गंभीर मुद्दे पर दोहरे मापदंड की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।”
मोदी ने प्रौद्योगिकी को मानव-केंद्रित विकास का प्रमुख आधार बताते हुए डिजिटल सहयोग बढ़ाने के लिए कई प्रस्ताव रखे। उन्होंने सुझाव दिया कि इब्सा देशों के बीच:
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यूपीआई जैसे डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर,
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कोविन जैसे स्वास्थ्य प्लेटफॉर्म,
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साइबर सुरक्षा ढांचे,
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और महिलाओं द्वारा संचालित तकनीकी पहलों
को साझा करने और विकसित करने के लिए “इब्सा डिजिटल इनोवेशन एलायंस” का गठन किया जाए।
इब्सा समूह का लक्ष्य दक्षिण-दक्षिण सहयोग को बढ़ावा देना, वैश्विक शासन तंत्र में सुधार सुनिश्चित करना और विकासशील देशों के बीच साझेदारी को मजबूत करना है। विशेषज्ञों के अनुसार, UNSC सुधार को लेकर तीनों देशों की समान सोच भविष्य में वैश्विक मंच पर बड़ा दबाव बना सकती है।


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