Success Story: बकरियां चराने वाले का बेटा बन गया IPS अफसर, पढ़ें पूरी सक्सेस स्टोरी
Success Story: महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के कागल तहसील के यमगे गांव के एक गरीब धनगढ़ परिवार में जन्मे बिरुदेव सिद्धाप्पा ढोणे ने अपने पहले ही प्रयास में UPSC की कठिन परीक्षा पास की। उन्होंने 2024 में परीक्षा दी थी और 551वीं रैंक हासिल कर यह साबित कर दिया कि सच्ची मेहनत और जुनून से कोई भी सपना हकीकत बन सकता है।
बकरियां चराने वाला बना आईपीएस अफसर
बिरुदेव का यह सफर एक छोटे-से वाकये से शुरू हुआ था। एक दिन उनका मोबाइल फोन खो गया और वे शिकायत करने पुलिस स्टेशन पहुंचे। वहां उन्हें उचित मदद नहीं मिली, और इसी अपमानजनक अनुभव ने उनके भीतर IPS बनने की आग जला दी। उन्होंने तभी ठान लिया कि एक दिन वे खुद पुलिस अफसर बनेंगे।
दिल्ली में रहकर उन्होंने कठिन हालात में पढ़ाई की। जहां एक ओर अधिकांश छात्र सुविधा से लैस कोचिंग संस्थानों में तैयारी करते हैं, वहीं बिरुदेव ने सीमित संसाधनों में रहकर रोज़ाना 22 घंटे पढ़ाई की। उनके पिता खेत में मेहनत कर 10 से 12 हजार रुपये प्रति माह भेजते थे, जिससे उनका गुजारा होता था।
बिरुदेव पढ़ाई में शुरू से ही अव्वल रहे हैं। उन्होंने दसवीं और बारहवीं की परीक्षा कागल तहसील के मुरगुड केंद्र में टॉप की थी। इसके बाद उन्होंने पुणे के सिओईपी इंजीनियरिंग कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।
जब UPSC का रिजल्ट आया, तो उनके मामा के गांव में एक दोस्त दौड़ता हुआ आया और चिल्लाकर बोला—“बिरुदेव, तू पास झाला रे!” यह सुनते ही मां-बाप की आंखें भर आईं और गांव में जश्न का माहौल बन गया। अनपढ़ माता-पिता को इतना ही समझ में आया कि अब उनका बेटा "साहब" बन गया है।

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