बड़ोखर उप स्वास्थ्य केंद्र की बदहाली, झाड़ियों से पटे कमरे टपकती छत

बड़ोखर उप स्वास्थ्य केंद्र की बदहाली, झाड़ियों से पटे कमरे टपकती छत

 बस्ती, गौर शीतला शुक्ल   

                                            ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के सरकारी दावों के बीच।  बड़ोखर उप स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है।  केंद्र की इमारत और सुविधाओं की स्थिति ऐसी है कि न तो मरीजों को समुचित इलाज मिल पा रहा है, न ही कर्मचारियों को काम करने का उचित माहौल। संसाधनों के अभाव और रखरखाव की कमी ने इस केंद्र को लगभग निष्क्रिय बना दिया है,

जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उप स्वास्थ्य केंद्र की इमारत जर्जर हालत में है। केंद्र के कमरों में झाड़ियां उग आई हैं, जो साफ-सफाई के अभाव को दर्शाती हैं। बारिश के मौसम में छत से पानी टपकने की समस्या आम है, जिससे न केवल मरीजों को परेशानी होती है, बल्कि कर्मचारियों को भी आशंका बनी रहती है कि कहीं छत ढह न जाए।

केंद्र में एक भी कमरे में पंखा नहीं है, जिसके कारण गर्मी में मरीजों और कर्मचारियों का हाल बेहाल रहता है। केंद्र में पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। बिजली का संचित प्रबंध न होने के कारण ठंडे स्थान पर रखे जाने वाले टीकों का भंडारण भी संभव नहीं हो पा रहा है। यह स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण अभियान को प्रभावित कर रही है।

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कर्मचारियों का कहना है कि बुनियादी सुविधाओं के अभाव में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देना असंभव हो गया है। केंद्र के सामने वाटर सप्लाई की टोटी इस तरह लगाई गई है कि जल निकासी की चौकी आधे गेट को ढक रही है। इससे मरीजों और कर्मचारियों को आने-जाने में परेशानी होती है। शौचालय की स्थिति तो और भी दयनीय है, जहां की दुर्गंध और गंदगी के कारण कोई उपयोग करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता।

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सरकार की योजना थी कि ग्राम पंचायत और आसपास की गर्भवती महिलाओं का सामान्य प्रसव उप स्वास्थ्य केंद्र पर ही कराया जाए। हालांकि, संसाधनों की कमी के कारण यह योजना साकार नहीं हो सकी है। केंद्र में न तो प्रसव के लिए आवश्यक उपकरण हैं, न ही प्रसव के समय प्रयोग होने वाले उपकरणों की पर्याप्त व्यवस्था। इससे गर्भवती महिलाओं को इलाज के लिए दूरदराज के अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है। केंद्र के कर्मचारियों का कहना है कि वे किसी तरह ड्यूटी निभा रहे हैं। एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, "यहां बिजली तो है पर बिजली से संचालित होने वाले पंखे आदि उपकरण नहीं है, न पानी, न ही साफ-सफाई।

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शौचालय की हालत ऐसी है कि उपयोग करना असंभव है।

हम जैसे-तैसे काम चला रहे हैं, लेकिन मरीजों को सुविधा देना मुश्किल हो रहा है।" कर्मचारियों ने प्रशासन से जल्द से जल्द सुधार की मांग की है

स्थानीय लोगों का कहना है कि उप स्वास्थ्य केंद्र की बदहाली के कारण उन्हें छोटी-मोटी और मौसमी बीमारियों के लिए भी निजी अस्पतालों या दूर के सरकारी अस्पतालों में जाना पड़ता है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से इस केंद्र को सुचारू करने की मांग की है, ताकि क्षेत्र की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।

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