स्वतन्त्र प्रभात स्पेशल "हुजूर, मुझे इच्छा मृत्यु दे दीजिए..." — कोर्ट में फूट-फूट कर रो पड़े राजद विधायक रीतलाल यादव
आरोपों से टूटे विधायक ने जज से लगाई जिंदगी खत्म करने की गुहार, बोले – जेल में किया जा रहा है षड्यंत्र
पटना ,बिहार ब्यूरो
मानसिक तनाव से जूझते विधायक बोले – ‘एक के बाद एक केस लादा जा रहा है’
सुनवाई के दौरान परेशान रीतलाल यादव ने गिड़गिड़ाते हुए कहा –
हुजूर, मुझे इच्छा मृत्यु दे दीजिए। कोई मेरी मदद को तैयार नहीं, एक के बाद एक केस लादा जा रहा है।”उन्होंने कहा कि भागलपुर जेल में उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है और जेल प्रशासन उनके खिलाफ साजिश कर रहा है। विधायक ने कोर्ट से गुहार लगाई कि उन्हें पटना की बेऊर जेल ट्रांसफर कर दिया जाए, क्योंकि भागलपुर जेल में उन्हें किसी प्रकार की राहत नहीं मिल रही।
T-सेल में बंद, जहां पहले अनंत सिंह भी रह चुके हैं
गौरतलब है कि रीतलाल यादव ने 17 अप्रैल 2023 को दानापुर कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था, जिसके बाद उन्हें बेऊर जेल भेजा गया था। बाद में सुरक्षा कारणों से उन्हें भागलपुर जेल शिफ्ट कर T-सेल में रखा गया — यह वही कड़ी सुरक्षा वाला सेल है, जहां कभी बाहुबली नेता अनंत सिंह को भी रखा गया था।
बिल्डर से 50 लाख की रंगदारी मांगने का आरोप
रीतलाल यादव पर एक बिल्डर से 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने का गंभीर आरोप है। इसी मामले में उन्होंने आत्मसमर्पण किया था। पुलिस को शक है कि रीतलाल जेल के अंदर से भी अपने आपराधिक नेटवर्क को सक्रिय रखे हुए हैं, इसलिए उन्हें कड़ी निगरानी में रखा गया है।
पत्नी रिंकू कुमारी भी जांच के घेरे में
मामला यहीं नहीं थमता। पुलिस मुख्यालय ने अब विधायक की पत्नी रिंकू कुमारी पर भी कार्रवाई की सिफारिश की है। वह पटना जिले के एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने “विजय कंस्ट्रक्शन” नामक निजी कंपनी में साझेदारी की है।ADG कुंदन कृष्णन ने कहा कि यह साफ तौर पर सरकारी सेवक आचार संहिता 1976 के नियम 16(1) का उल्लंघन है।
क्या ‘स्थायी पोस्टिंग’ किसी सेटिंग का नतीजा?
रिंकू कुमारी 2006 से पटना के कोथवां मुसहरी प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत हैं। यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या उनकी सालों से एक ही जगह पर पोस्टिंग किसी राजनीतिक संरक्षण या सेटिंग का नतीजा है? क्या उनका व्यवसायिक रिश्ता उनकी सरकारी नौकरी को प्रभावित करता है?
राजनीति या साजिश? उठते हैं कई सवाल
इस पूरे घटनाक्रम ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। एक ओर विधायक कोर्ट में टूटकर इच्छा मृत्यु मांग रहे हैं, तो दूसरी ओर उनके खिलाफ संगीन आपराधिक और भ्रष्टाचार के आरोप हैं।अब देखना है कि कोर्ट और सरकार इस पूरे मामले में क्या रुख अपनाती है।

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