सोनभद्र के ओबरा में आबादी के बीच इंडियन गैस गोदाम बड़ा खतरा, किसकी शह पर चल रहा गोदाम

सुरक्षा नियमों को ताख पर रखकर संचालित हो रहा है गैस गोदाम

सोनभद्र के ओबरा में आबादी के बीच इंडियन गैस गोदाम बड़ा खतरा, किसकी शह पर चल रहा गोदाम

ओबरा थाना क्षेत्र का मामला

अजित सिंह ( ब्यूरो रिपोर्ट) 

सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश-

ओबरा में घनी आबादी वाले क्षेत्र में इंडियन गैस गोदाम का संचालन स्थानीय निवासियों के लिए गंभीर चिंता और भय का कारण बन गया है। यह मुद्दा अब चर्चा का विषय बन गया है कि आखिर किसके संरक्षण में और किसकी मिलीभगत से इतना बड़ा खतरा आबादी के बीच फल-फूल रहा है।सोनभद्र के ओबरा में आबादी के बीच इंडियन गैस गोदाम बड़ा खतरा, किसकी शह पर चल रहा गोदाम

निवासियों का मानना है कि यदि कोई दुर्घटना होती है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा, यह एक बड़ा प्रश्न है। ओबरा के जिस स्थान पर यह इंडियन गैस गोदाम संचालित हो रहा है, वह एक घनी आबादी वाला क्षेत्र है। गैस सिलेंडरों का बड़ा स्टॉक, और पास में ही कई होटलों पर घरेलू गैस सिलेंडरों का व्यावसायिक उपयोग, किसी भी समय बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है। निवासियों के अनुसार, यह गोदाम एक टिकिंग टाइम बॉम्ब (समय बम) की तरह है, जो कभी भी फट सकता है।

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स्थानीय लोगों का आरोप है कि गोदाम के आसपास के कई होटलों में घरेलू गैस सिलेंडरों का व्यावसायिक उपयोग खुलेआम किया जा रहा है।घनी आबादी के बीच ऐसे होटलों का होना और वहां घरेलू गैस का भारी मात्रा में उपयोग होना, जोखिम को और बढ़ा देता है। गैस गोदामों के संचालन के लिए सख्त सुरक्षा मानक निर्धारित होते हैं, जिनमें आबादी से पर्याप्त दूरी, अग्निशमन व्यवस्था, और आपातकालीन निकासी योजना शामिल हैं। ओबरा के इस मामले में, ऐसा प्रतीत होता है कि इन सुरक्षा मानकों की खुलेआम अनदेखी की जा रही है।

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इस स्थिति ने स्थानीय निवासियों में भय का माहौल पैदा कर दिया है। उन्हें हमेशा इस बात की चिंता सताती रहती है कि कहीं कोई अनहोनी न हो जाए। सबसे बड़ा सवाल यह है कि किसकी शह पर और किसकी लापरवाही के चलते यह खतरनाक गतिविधि घनी आबादी के बीच चल रही है। क्या स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभाग इस खतरे से अनजान हैं, या फिर किसी तरह का दबाव या मिलीभगत है जिसके कारण इस गंभीर मुद्दे को नजरअंदाज किया जा रहा है।

निवासियों की मांग है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। यदि दुर्भाग्यवश कोई बड़ी दुर्घटना घटित होती है, तो इसके परिणाम भयावह हो सकते हैं। जान-माल का भारी नुकसान हो सकता है। ऐसे में इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? क्या स्थानीय प्रशासन, गैस एजेंसी संचालक, या वे अधिकारी जो सुरक्षा मानकों को लागू करने के लिए जिम्मेदार हैं।

यह आवश्यक है कि प्रशासन तत्काल इस मामले का संज्ञान ले और घनी आबादी से इस गैस गोदाम को स्थानांतरित करे। साथ ही, घरेलू गैस सिलेंडरों के व्यावसायिक उपयोग पर भी सख्त रोक लगाई जाए ताकि भविष्य में किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।

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