रेणुकूट में मानवता की मिसाल टीम निशा बबलू सिंह ने दिखाई तत्परता, पहुंचाया पीड़ित को सहारा
टीम निशा बबलू सिंह बने असाहायों/ पीड़ितों के बने मसीहा
रेनूकूट क्षेत्र का मामला
अजित सिंह ( ब्यूरो रिपोर्ट)
रेणुकूट में हाल ही में हुई एक दुखद घटना, जिसमें हाई टेक क्रॉसिंग के पास सलमान नामक एक युवक ट्रेन की चपेट में आकर अपनी जान गंवा बैठा, ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि विपरीत परिस्थितियों में भी इंसानियत और मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है। इस मुश्किल घड़ी में, टीम निशा बबलू सिंह के सदस्यों ने जिस तत्परता और संवेदनशीलता का परिचय दिया, वह वास्तव में सराहनीय है और समाज के लिए एक प्रेरणास्रोत है।
घटना 26 अप्रैल, 2025 को रेणुकूट हाई टेक क्रॉसिंग के पास घटी। जैसे ही इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की सूचना टीम निशा बबलू सिंह के सदस्यों तक पहुंची, उन्होंने बिना किसी देरी के घटनास्थल की ओर रुख किया। यह दिखाता है कि टीम न केवल किसी भी आपात स्थिति के प्रति सजग है, बल्कि पीड़ितों की सहायता के लिए तुरंत कार्रवाई करने के लिए भी प्रतिबद्ध है।मौके पर पहुंचने के बाद, टीम के सदस्यों ने स्थिति की गंभीरता को समझा और तत्काल स्थानीय पुलिस प्रशासन को सूचित किया। यह कदम कानूनी प्रक्रियाओं को सही दिशा में आगे बढ़ाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण था।
इसके बाद, टीम ने मृतक सलमान के शव को सम्मानपूर्वक हिंडालको मोर्चेरी में रखवाने में सक्रिय भूमिका निभाई। उनकी इस मानवीय पहल ने यह सुनिश्चित किया कि मृतक को उचित सम्मान मिले और आगे की प्रक्रियाएं व्यवस्थित ढंग से हो सकें।टीम निशा बबलू सिंह के सदस्य डब्लू सिंह ने इस पूरे घटनाक्रम पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा, "अंधी हो या तूफान, सब पुकारे भगवान, तो निकाल के आए टीम निशा सिंह, इंसानियत और मानवता का मिसाल। जय हिन्द, मै डब्लू सिंह अपने प्रभू का दास।" उनके यह शब्द टीम के समर्पण और मानवीय मूल्यों के प्रति उनकी गहरी आस्था को दर्शाते हैं।
Read More गांवों को रोशन करने के नाम पर करोड़ों का खेल, स्ट्रीट लाइट खरीद में भारी भ्रष्टाचार का आरोपयह घटना न केवल एक व्यक्ति की दुखद मौत की कहानी है, बल्कि यह उन लोगों की कहानी भी है जो बिना किसी स्वार्थ के दूसरों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। टीम निशा बबलू सिंह ने यह साबित कर दिया कि जब इंसानियत और करुणा का भाव प्रबल होता है, तो किसी भी मुश्किल परिस्थिति का सामना किया जा सकता है और पीड़ितों को सहारा दिया जा सकता है।
रेणुकूट में टीम निशा बबलू सिंह द्वारा दिखाई गई यह तत्परता और मानवीय संवेदना अन्य सामाजिक संगठनों और व्यक्तियों के लिए भी एक अनुकरणीय उदाहरण है। यह याद दिलाता है कि समाज में ऐसे लोगों की आवश्यकता हमेशा बनी रहती है जो निस्वार्थ भाव से दूसरों की सहायता के लिए आगे आएं और मुश्किल समय में सहारा बनें। टीम निशा बबलू सिंह ने न केवल एक दुखद घटना पर त्वरित प्रतिक्रिया दी, बल्कि उन्होंने इंसानियत और मानवता के मूल्यों को भी जीवंत रखा। उनकी यह पहल निश्चित रूप से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण योगदान देगी।

Comment List