जीवन में सत्य का ध्यान करना ही सबसे महत्वपूर्ण है: पंडित उदय नारायण पाण्डेय

पंडित उदय नारायण पाण्डेय जी ने कहा कि श्रीमद् भागवत महापुराण भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और तत्वबोध से भरा हुआ है।

जीवन में सत्य का ध्यान करना ही सबसे महत्वपूर्ण है: पंडित उदय नारायण पाण्डेय

स्वतंत्र प्रभात 
सिद्धार्थनगर।
 
जिले  के शोहरतगढ़  तहसील  के  बेलवा गांव  में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के पहले दिन का सत्र भक्ति और ज्ञान से परिपूर्ण रहा। कथावाचक पंडित उदय नारायण पाण्डेय ने श्रोताओं को श्रीमद् भागवत महापुराण की महिमा का रसपान कराया।
 
पंडित उदय नारायण पाण्डेय जी ने कहा कि श्रीमद् भागवत महापुराण भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और तत्वबोध से भरा हुआ है। महापुराण के महात्म्य की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें तीन मुख्य संवाद, नारद और भक्ति संवाद, सनत कुमार और नारद संवाद व गोकर्ण और धुंधकारी संवाद के माध्यम से इसकी महिमा का विस्तार किया गया है।
 
कथावाचक ने कहा कि पहले संवाद में अर्पण की कथा, दूसरे में समर्पण की कथा और तीसरे में तर्पण की कथा है। श्रीमद् भागवत महापुराण के अनुसार जो कार्य समाज के लिए किया जाए वह अर्पण है, जो भगवान के लिए किया जाए वह समर्पण है, और जो पितरों के लिए किया जाए वह तर्पण कहलाता है। उन्होंने कहा कि जीवन में सत्य का ध्यान करना ही सबसे महत्वपूर्ण है,और यही सत्य भगवान कृष्ण का स्वरूप है। 
 
इस दौरान कथा आयोजक रोहित सिंह, कथा श्रोता पार्वती देवी,पूनम सिंह,रीता सिंह, राधा सिंह,मंजू सिंह, रीना सिंह, आरती सिंह, हर्षित सिंह,गगन सिंह, प्रदीप सिह, महेश सिंह, अक्षत, विमान, काव्या, शालिनी, बलराम, गौतम, सुमेर आदि उपस्थित रहे।
 
 

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