मानवीय गरिमा की रक्षा के लिए मनाया जाता है विश्व मानवाधिकार दिवस – अपर जिला जज
कुशीनगर। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार एवं जिला जज सुशील कुमार शशि के निर्देशन में आज जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कुशीनगर के तत्वाधान में जनपद मुख्यालय रविन्द्रनगर घुस स्थित गीता इण्टरनेशनल पब्लिक स्कूल में विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर जागरूकता शिविर का अयोजन किया गया।
जागरूकता शिविर को सम्बोधित करते हुये जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कुशीनगर के अपर जिला जज / सचिव शैलेन्द्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 10 दिसम्बर 1948 को मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषण को अपनाने के सम्मान में इस तिथि को चुना गया था, जिसका उद्देश्य भविष्य में होने वाले अत्याचारों को रोकना और मानवीय गरिमा की रक्षा करना था। इसी क्रम में सचिव द्वारा बताया गया कि हम मानव के सात अधिकार हैं जो हम सभी में निहित है, चाहे हमारी राष्ट्रीयता, लिंग, राष्ट्रीय या जातीय मूल, रंग, धर्म, भाषा या कोई अन्य स्थिति कुछ भी हो। ये सब बुनियादी अधिकार जीवन के अधिकार से लेकर उन अधिकारों तक हैं जो जीवन को जीने लायक बनाते हैं, जैसे-भोजन, शिक्षा, काम, स्वास्थ्य और स्वतंत्रता के अधिकार।
इसी क्रम में श्री त्रिपाठी द्वारा बताया गया कि तीस अनुच्छेद अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून को आधार प्रदान करते हैं और देश और क्षेत्रीय स्तर पर मानवाधिकारों के लिये एक साक्षा वैश्विक मानव प्रदान करते हैं। इस अवसर पर विद्यालय के प्राधानाचार्य एस०के० सिंह, विद्यालय के शिक्षकगण अश्विनी शुक्ला, सत्यम सिंह बृजेश यादव आदि उपस्थित रहे।
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