मलयाली फिल्म इंडस्ट्री में यौन शोषण का घिनौना चेहरा!
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समूचे देश में एक ओर महिलाओं बच्चियों की सुरक्षा को लेकर आम आदमी से लेकर राष्ट्रपति तक चिंता जताई रहे हैं वहीं मलयाली फिल्म इंडस्ट्री का एक ऐसा कुरूप चेहरा सामने आया है जिसे जानकर नारी अस्मिता सम्मान और बेटी बचाओ के सारे नारे महज कागजी या बेमानी हो जाते हैं। इसी कड़ी में मलयालम फिल्मों के जाने माने अभिनेता और सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के विधायक एम. मुकेश के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. मुकेश पर एक अभिनेत्री ने आरोप लगाया है कि अभिनेता ने कई साल पहले उसका यौन उत्पीड़न किया था जिसके आधार यह मामला दर्ज किया गया।
देश भर में महिलाओं के विरुद्ध अत्याचारों को लेकर मचे बवाल के बीच हाल ही में केरल फिल्म उद्योग में यौन शोषण के आरोपों को लेकर 'जस्टिस के. हेमा कमेटी' की रिपोर्ट से हडकंप मच गया है।एक रिपोर्ट के अनुसार 2017 में एक मलयाली फिल्म अभिनेत्री ने मलयाली सुपर स्टार 'दिलीप' पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था जिस पर 'दिलीप' को गिरफ्तार भी किया गया था। इसके बाद केरल सरकार ने यहां के फिल्म उद्योग में महिलाओं की स्थिति की जांच करने के लिए 'जस्टिस के. हेमा कमेटी' का गठन किया था।
न्यायमूर्ति हेमा समिति की 296 पन्नों की रिपोर्ट में किए गए खुलासों के बाद विभिन्न निर्देशकों और अभिनेताओं पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं. तब से मलयालम फिल्म जगत की किसी ‘हाई प्रोफाइल' हस्ती के खिलाफ यह तीसरी प्राथमिकी है. इससे पहले, तिरुवनंतपुरम ‘म्यूजियम पुलिस' ने आठ साल पहले एक होटल में एक अभिनेत्री से बलात्कार करने के आरोप में अभिनेता सिद्दीकी के खिलाफ बुधवार को मामला दर्ज किया था। पहला मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला करना या आपराधिक बल प्रयोग) के तहत निर्देशक रंजीत के खिलाफ पश्चिम बंगाल की एक अभिनेत्री की शिकायत पर दर्ज किया गया था. यह शिकायत 2009 की एक घटना के संबंध में की गई है.अभिनेत्री ने आरोप लगाया है कि निर्देशक ने 2009 में फिल्म ‘पालेरी मणिक्यम' में अभिनय के लिए आमंत्रित करने के बाद उसे अनुचित तरीके से छुआ था. इन आरोपों को लेकर रंजीत ने केरल चलचित्र अकादमी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
सिद्दीकी ने भी अपने खिलाफ लगे आरोपों के बाद ‘मलयालम मूवी आर्टिस्ट एसोसिएशन' (एएमएमए) के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया था। आपको बता दें कि वर्ष 2017 में एक अभिनेत्री पर हमले के बाद केरल सरकार द्वारा गठित न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट में मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के उत्पीड़न एवं शोषण के मामलों का खुलासा किया गया है। 'जस्टिस के. हेमा' ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 15 प्रभावशाली व्यक्तियों का समूह मलयालम फिल्म इंडस्ट्री को नियंत्रित कर रहा है। जब कोई महिला उसे परेशान करने की शिकायत लेकर सामने आती है तो यह समूह बिना कोई कारण बताए उसे जिंदगी भर के लिए बैन करने और बदला लेने के लिए दूसरे तरीके इस्तेमाल करता है।एक महत्वपूर्ण अभिनेता ने इस रिपोर्ट में बताए गए सर्वशक्तिमान लोगों को 'माफिया' करार दिया है।
जिनके विरुद्ध केरल फिल्म उद्योग से जुड़ा कोई भी व्यक्ति एक शब्द तक मुंह से नहीं निकाल सकता।रिपोर्ट के अनुसार निर्माता-निर्देशकों ने एक 'सैक्स कोड' बना रखा है- 'समझौता और एडजस्ट करो'। जो अभिनेत्री इसका विरोध करती है, सारी इंडस्ट्री उसके खिलाफ हो जाती है और उसे हर स्तर पर प्रताड़ित किया जाता है।
शूटिंग के दौरान होटल में ठहरी अभिनेत्रियों के साथ दुर्व्यवहार और जूनियर अभिनेत्रियों के साथ गुलामों जैसा व्यवहार किया जाता है।इस वर्ष 19 अगस्त को इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होते ही अनेक मलयाली फिल्म निर्देशक, लेखक और अभिनेता आरोपों के घेरे में आ गए हैं। इसी कारण अब केरल सरकार ने एक और जांच कमेटी गठित कर दी है।
इस बीच मलयाली अभिनेत्री 'रेवती' द्वारा प्रसिद्ध अभिनेता 'सिद्दीकी' पर बलात्कार के आरोप लगाने के बाद 'सिद्दीकी' ने 'एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स' के महासचिव पद से त्यागपत्र दे दिया है।'रेवती' के अनुसार, "उसने मुझसे फेसबुक पर सम्पर्क किया था। तब 'सिद्दीकी' ने मुझे 'मोल' (बेटी) कहा था और बाद में फेसबुक के जरिए ही संदेश भेज कर फिल्मों में अभिनय के विषय में बात करने के लिए मुझे तिरुवनंतपुरम के एक होटल में बुलाया।"
'रेवती' के अनुसार, "उसने मुझसे पूछा कि क्या मैं उसके लिए कुछ एडजस्टमेंट कर सकती हूं। मुझे अंदाजा नहीं था कि 'सिद्दीकी' के कहने का क्या मतलब है? परन्तु उसके बाद उसने मेरे साथ गाली-गलौच करने के अलावा जोर जबरदस्ती की ।" एक अन्य अभिनेत्री 'श्रीलेखा मित्रा' ने पुरस्कार विजेता फिल्म 'नंदनम'के निर्देशक 'रंजीत' पर उसके साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया, जिसके बाद 'रंजीत' ने केरल सरकार द्वारा संचालित 'केरल चित्रकला अकादमी' के प्रमुख पद से त्यागपत्र दे दिया है।
एक अन्य अभिनेत्री ' मीनू मुनीर' ने कई कलाकारों पर उसका यौन शोषण करने के आरोप लगाए हैं। उसने अभिनेता से माकपा विधायक बने 'एम. मुकेश' के अलावा मलयालम फिल्म उद्योग में 3 अन्य प्रतिष्ठित अभिनेताओं 'जयसूर्या', 'मणियनपिला राजू', 'इदावेला बाबू' तथा 2 प्रोडक्शन कंट्रोलरों 'नोबल' और 'विचु' पर भी यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। 'मीनू' के अनुसार, "2013 में एक फिल्म में अभिनय करने के दौरान मैं इनके हाथों शारीरिक और मौखिक शोषण का शिकार हुई। मैंने इनके साथ सामंजस्य करने और काम करते रहने की कोशिश की लेकिन उनका दुर्व्यवहार तथा शोषण बढ़ता गया और असहनीय हो गया। इसी कारण मुझे मलयालम फिल्म इंडस्ट्री छोड़ कर मजबूरन चेन्नई शिफ्ट होना पड़ा।"
एक अन्य जूनियर अभिनेत्री ने खलनायक 'बाबू राज' पर उसका यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया जबकि एक बंगला फिल्म अभिनेत्री ' ऋताभरी'ने भी बंगला फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। इस बीच 'एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स' के अध्यक्ष और शीर्ष अभिनेता 'मोहन लाल' सहित इसके सभी पदाधिकारियों ने आरोपों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पदों से त्यागपत्र दे दिया है, परन्तु इतना ही काफी नहीं है। आवश्यकता इस बात की है कि केरल की फिल्म इंडस्ट्री पर हावी माफिया का घिनौना चेहरा उजागर करने वाली इस रिपोर्ट में किए गए खुलासों का संज्ञान लेकर सुप्रीम कोर्ट को जल्द से जल्द दोषी पाए जाने वाले लोगों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करनी चाहिए ताकि इस बुराई पर रोक लगे और इसे फैलने से रोका जा सके।
सवाल उठता है कि सिनेमा को समाज की सच्चाई परदे पर प्रदर्शित कर समाज में जागरूकता लाने के लिए भूमिका निर्वाह करने की जिम्मेदारी है लेकिन मलयालम फिल्म का जो अंदरूनी चेहरा सामने आया है वह इतना घिनौना है कि महिला कलाकारों के साथ होने वाली अमानवीयता दरिंदगी व दुराचार इस फिल्म इंडस्ट्री का वर्क कल्चर है। सरकार को इस मामले में हेमा कमेटी की रिपोर्ट पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
मनोज कुमार अग्रवाल
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)
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