स्मार्ट सिटी के तहत बने बैंडिंग जॉन में अवैध वसूली शुरू,
गरीब रेड़ी-धकेल वालों के बच्चों ने कहा- हमारी रोजी रोटी छीन रहे हैं नगर निगम अधिकारी
स्वतंत्र प्रभात
सत्यवीर सिंह यादव
अलीगढ़,। स्मार्ट सिटी! इसका नाम जुबान पर आते ही एक सुंदर और सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस शहर का नक्शा आपके दिमाग में उतरता है। अपना शहर भी स्मार्ट सिटी में शामिल है, लेकिन यहां सुविधाओं के बजाय मुसीबतों का पहाड़ है। सुबह होते ही शहर की प्रमुख सड़कों पर सरकारी जमीन टुकड़ा-टुकड़ा बिक जाती है। दुकानदार अपनी दुकान के सामने ढकेल खड़ी करवाने के लिए जमकर वसूली करते हैं। जहां ढकेल खड़ी नहीं होती हैं, वहां खुद दुकानदारों ने कब्जा कर रखा है। यही जमा का कारण बनते हैं। पूरे दिन शहर की प्रमुख सड़कों पर भी अतिक्रमण के चलते वाहन रेंगते हुए दिखाई देते हैं। तपती दोपहर में तो जाम ने लोगों के पसीने छुड़ा दिए हैं।
क्वार्सी थाना इलाके के नौरंगाबाद डीएवी इंटर कॉलेज के बाहर बैंडिंग जॉन में शहर की सभी प्रमुख सड़कों व दुकान के बीच में काफी दूरी होती है। इसमें आधा भाग पक्की सड़क होता है और आधा भाग राहगीरों के निकलने के लिए। दुकानदारों ने इसी को अपनी कमाई का जरिया बना लिया है। अधिकांश दुकानदार सुबह ही अपनी दुकानों के सामने ढकेल खड़ी करने के लिए खाली जमीन का सौदा कर लेते हैं। इसी जमीन पर ढकेल वाला खड़ा होकर सामान बेचता है।
100 रुपये तक रोज वसूली
सूत्रों की मानें तो एक ढकेल खड़े करने की जमीन के लिए दुकानदार हर रोज 100 रुपये के हिसाब से वसूली करता है। कई दुकानदारों ने तो महीने के हिसाब से ढाई से तीन हजार रुपये तक तय कर रखे हैं। ऐसे में हर रोज शहर से 10 लाख से से अधिक की धनराशि इसी धंधे से वसूली जाती है। नगर निगम, पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की भी इसमें पूरी सह रहती है।
अवैध उगाही का खेल
-शहर में दुकानों के सामने ढकेल खड़ी करने वालों से दुकानदार करते हैं वसूली
-यही ढकेल बनती है जाम का बड़ा कारण, लोगों को रास्ता निकलने में होती हैं दिक्कतें
-ढकेल और अवैध कब्जों से अतिक्रमण की जद में आ चुका है शहर का अधिकांश भाग
-दुकानदार नगर निगम, पुलिस और प्रशासन की सह पर होता है उगाही का पूरा खेल
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