प्रदेश में मनरेगा से बनाये जा रहे हैं पशु शेड

पशु पालक प्रगति के पथ पर अग्रसर

प्रदेश में मनरेगा से बनाये जा रहे हैं पशु शेड

रोगों से मुक्त हो रहे मवेशी, 1.50 लाख से ज्यादा बने पशु शेड

स्वतंत्र प्रभात-
लखनऊ:

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व निर्देशन में मनरेगा के तहत विभिन्न लाभार्थीपरक कार्यों को योजनाबद्ध तरीके से कराकर गांव-गरीब के आर्थिक उन्नयन किया जा रहा है। प्रदेश में मनरेगा के तहत जहां सामुदायिक कार्य कराये जा रहे हैं, वहीं व्यक्तिगत कार्यों को भी निर्धारित गाइडलाइंस के अनुरूप बढ़ावा दिया जा रहा है।

इसी कड़ी में प्रदेश में पशु शेड बनाने का उल्लेखनीय व उत्कृष्ट कार्य किया जा रहा है।हमारा देश और प्रदेश कृषि प्रधान है, जिनमें अधिकतर किसान पशु पालन भी करते हैं, जो उनकी अतिरिक्त आय का प्रमुख साधन भी है। सरकार द्वारा पशु पालन को बढ़ावा देकर ग्रामीण पशु पालको की आमदनी में इजाफा करने के उद्देश्य से मनरेगा के अंतर्गत पशु शेड योजना चला रही है।

इस योजना के अंतर्गत पशुओं का पालन करने वाले लोगों को उनकी स्वयं की भूमि पर पशुओं के आश्रय में शेड निर्माण का कार्य मनरेगा से किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत किसानों की स्वयं की भूमि पर मनरेगा के तहत पालतू पशुओं के लिए शेड, यूरिनल टैंक, नांद आदि विभिन्न प्रकार की पशुओं से संबंधित सुविधाओं का निर्माण कराया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य पशुओं का पालन करने वाले ऐसे किसानों/पशु पालकों की सहायता करना है, जिनकी आय का एक मात्र साधन पशु हैं।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिधनू के डाॅक्टर की सड़क हादसे में मौत Read More सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिधनू के डाॅक्टर की सड़क हादसे में मौत

पशु शेड का निर्माण होने से इसका सीधा-सीधा लाभ पशु पालकों को हो रहा है। आमतौर पर मवेशियों को कच्ची जमीन वाले आश्रय स्थल में रखा जाता है। जमीन कच्ची होने से वो जगह पशुओं के गोबर, पेशाब और पानी से गंदी हो जाती है।

एसडीआरएफ और पुलिस की दमदार कार्रवाई: 36 घंटे बाद पोखरे से बरामद हुआ युवक का शव Read More एसडीआरएफ और पुलिस की दमदार कार्रवाई: 36 घंटे बाद पोखरे से बरामद हुआ युवक का शव

 

UP Weather: उत्तर प्रदेश में बदल गया मौसम, तीन दिन बाद लौटेगा घना कोहरा Read More UP Weather: उत्तर प्रदेश में बदल गया मौसम, तीन दिन बाद लौटेगा घना कोहरा

खासतौर पर बारिश के मौसम में गांवों में इससे कीचड़ भी हो जाता है, जिससे पशुओं को कई संक्रामक रोग हो जाते हैं। इस कारण किसानों को आर्थिक क्षति भी होती है। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए पशु शेड योजना के तहत पात्र लाभार्थियों के पशु आश्रय स्थल को पक्का बना दिया जाता है।

 

इससे गोबर और मूत्र को बेहतर तरीके से इकट्ठा भी किया जा सकता है। आश्रय में सफाई होने से मवेशियों को संक्रामक रोगों से बचाने में मदद भी मिल रही है। ऐसे में पशु पालक अच्छा दुग्ध उत्पादन कर अपनी आय में वृद्धि कर रहे हैं, जिससे उनके जीवन में काफी सुधार भी आ रहा है।
प्रदेश भर में मवेशियों के लिए पशु शेड का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। मनरेगा के अंतर्गत व्यक्तिगत और सामुदायिक पशु शेड का निर्माण तेजी से हो रहा है। प्रदेश के सभी 75 जनपदों में व्यक्तिगत और सामुदायिक पशु शेड की बात करें, तो वित्तीय वर्ष 2018-19 से अब  तक इनकी संख्या लगभग 1 लाख 59 हजार पहुंच गई है।

जिसमें सामुदायिक पशु शेड की संख्या 4523 और व्यक्तिगत पशु शेड की संख्या 1 लाख 54, हजार से अधिक है। मवेशी का मूत्र और गोबर भी किसानों और पशु पालकों की आय वृद्धि में महत्वपूर्ण संसाधन माना जाता है। मवेशियों के मूत्र और गोबर से भी किसानों की आय बढ़ रही है। गोबर गैस हो या फिर जैविक खाद इससे भी किसानों/पशुपालकों की आय में बढ़ोतरी हो रही है। मनरेगा द्वारा निर्धारित  गाइडलाइंस के अनुसार पशु शेड का निर्माण कार्य जॉब कार्ड होल्डर श्रमिकों से कराया जा रहा है।

इसमें आश्रय स्थल के फर्श का निर्माण सीमेंट और कंक्रीट से कराया जाता है, साथ ही एक नांद और यूरिनल टैंक भी बनाया जाता है।ग्राम्य विकास आयुक्त जी एस प्रियदर्शी ने बताया कि मनरेगा की पशु शेड योजना हमारी प्राथमिकताओं में से एक है। योजना का उद्देश्य पशु शेड का निर्माण कर मवेशियों को धूप-बारिश और संक्रामक रोगों से बचाना है, और पशु पालकों की आय में वृद्धि भी करना

About The Author

स्वतंत्र प्रभात मीडिया परिवार को आपके सहयोग की आवश्यकता है ।

Post Comment

Comment List

आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel