पोषण के 5 सूत्रों से कुपोषण पर लगेगी रोक

पोषण के 5 सूत्रों से कुपोषण पर लगेगी रोक

स्वतंत्र प्रभात अम्बेडकरनगर।
विकास खण्ड कटेहरी के ग्राम सभा अहिरौली में छठा राष्ट्रीय पोषण माह सितंबर 2023 पोषण अभियान की मुख्य थीम सुपोषित भारत साक्षर भारत सशक्त  अंतर्गत एनीमिया स्तर पर  सुधार हेतु गोष्ठी का आयोजन  किया गया। बेहतर पोषण प्राप्त करना सभी का समान अधिकार है। इसको ध्यान में रखते हुए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कुपोषण से लड़ने के लिए मार्च 2018 में पोषण अभियान की शुरुआत की गयी।

साथ ही अभियान के तहत वर्ष 2022 तक 6 साल की आयु के बच्चों में कुपोषण का स्तर 38.4 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया। कटेहरी ब्लाक की  सीडीपीओ स्वर्ण लता सिंह ने ग्राम सभा अहिरौली में बैठक के दौरान बताया कि पोषण अभियान का मुख्य उद्देश्य पोषण अभियान को जन-आंदोलन बनाना है ताकि समाज का प्रत्येक वर्ग पोषण की जरूरत को समझ सके। पोषण अभियान के तहत ही सितम्बर माह को पोषण माह के रूप में बनाया जा रहा है।

इस पोषण माह में आम लोगों को पोषण पर जागरूक करने के लिए सामुदायिक स्तर पर आयोजित होने वाली गतिविधियों पर ज़ोर दिया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पोषण त्योहार से व्यवहार परिवर्तन के लिए पोषण के पांच सूत्र दिए गए हैं। जिसमें पहले सुनहरे 1000 दिन, पौष्टिक आहार, अनीमिया प्रबंधन, डायरिया रोकथाम एवं स्वच्छता को शामिल किया गया है।
स्वच्छता व साफ-सफाई साफ पानी एवं ताजा भोजन संक्रामक रोगों से बचाव करता है।

घर में तथा घर के आस-पास सफाई रखनी चाहिए। इससे कई रोगों से बचा जा सकता है। शिशुओं में डायरिया शिशु मृत्यु का कारण भी बनता है। 6 माह तक के बच्चों के लिए केवल स्तनपान डायरिया से बचाव करता है। साफ-सफाई एवं स्वच्छ भोजन डायरिया से बचाव करता है। डायरिया होने पर लगातार ओआरएस का घोल एवं 14 दिन तक जिंक देना चाहिए।

शिशु जन्म के एक घंटे के भीतर माँ का पीला दूध बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। अगले 6 माह तक केवल माँ का दूध बच्चे को कई गंभीर रोगों से सुरक्षित रखता है। 6 माह के बाद बच्चे का शारीरिक एवं मानसिक विकास काफी तेजी से होता है। इस दौरान स्तनपान के साथ ऊपरी आहार की काफी जरूरत होती है। 

अनीमिया प्रबंधन गर्भवती माता, किशोरियां एवं बच्चों में अनीमिया की रोकथाम जरूरी है।bb गर्भवती महिला को 180 दिन तक आयरन की एक लाल गोली जरूर खानी चाहिए। 10 वर्ष से 19 साल की किशोरियों को सप्ताह में सरकार द्वारा दी जाने वाली आयरन की एक नीली गोली का सेवन करना चाहिए। आयोजन में गर्भवती धात्री ,किशोरी,मुख्य सेविका राम जानकी , आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हेमलता, शकुंतला, सिलम ,उसा देवी ,इंदुमति तिवारी, ससिकला ,आदि लोग मौजूद रहे।

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