IMF ने पाक को कर्ज देने के मूड में नहीं,  रखी  ये खतरनाक शर्त...

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 पाकिस्तान  में जहां एक ओर इमरान खान को लेकर सियासत भूचाल थमने का नाम नहीं ले रहा है वहीं देश की आर्थिक स्थिति भी चरमराई हुई है। इस बीच अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को कर्ज देने के लिए खतरनाक शर्त रख दी है जिसके बाद पाक सरकार का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। पाक की वित्त और राजस्व राज्य मंत्री आइशा गौस पाशा ने बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की  नई शर्त की आलोचना करते हुए उसे पाकिस्तान के आंतरिक मामलों में दखल न देने की सलाह दे डाली  है। 

 

दरअसल इमरान खान मामले पर टिप्पणी करते हुए  IMF ने साफ कह दिया है कि पाकिस्‍तान देश में चल रहे राजनीतिक अस्थिरता को संविधान के मुताबिक दूर करे तभी उसे लोन मिलेगा। IMF मिशन प्रमुख नाथन पोर्टर ने कहा  कि फंड उम्मीद करता है कि संविधान और कानून के शासन के अनुरूप एक शांतिपूर्ण रास्ता मिले। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पहले संविधान का पालन करते हुए इमरान खान के मसले को हल करे।  जियो न्यूज के अनुसार इस बात पर भड़की आइशा गौस पाशा ने कहा, ''पाकिस्तान का आचरण कानून के अनुरूप है''और IMF घरेलू राजनीति पर टिप्पणी करना जायज नहीम हा। उन्होंने पाकिस्तान में राजनीतिक स्थिति के बारे में  नाथन पोर्टर के बयान को ''असाधारण'' करार दिया।

राज्य मंत्री ने कहा कि देरी न तो पाकिस्तान के लिए अच्छी है और न ही IMF के लिए। वहीं, उन्होंने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 9 जून को पेश किए जाने वाले संघीय बजट की घोषणा से पहले दोनों पक्ष कर्मचारियों के स्तर पर एक समझौते पर पहुंचने की उम्मीद की है। पाशा ने रिपोर्टों की पुष्टि की कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने IMF की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलीना जार्जीवा से संपर्क किया। यह कहते हुए कि PM ने फंड के प्रमुख को आश्वासन दिया कि पाकिस्तान अपने सभी दायित्वों को पूरा करेगा।

 

शहबाज शरीफ ने शनिवार को जार्जीवा से संपर्क किया, उनसे पाकिस्तान को 6.5 अरब अमेरिकी डालर की रुकी हुई सुविधा को पुनर्जीवित करने में मदद करने का अनुरोध किया। शहबाज ने उनसे लंबित नौवीं समीक्षा को पूरा करने के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया, जो कि नकदी-संकटग्रस्त राष्ट्र के लिए 1.1 अरब अमेरिकी डालर के वित्तपोषण को अनलॉक करेगा।

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