विभागीय उदासीनता व संबंधित अधिकारियों की लापरवाही के कारण अमृत सरोवर रह गए फाइलों में 

 अखिरकार किसकी उदासीनता के चलते सरकार के लाखो रूपयों को किया जा रहा बर्बाद 

विभागीय उदासीनता व संबंधित अधिकारियों की लापरवाही के कारण अमृत सरोवर रह गए फाइलों में 

स्वतंत्र प्रभात 

गोंडा।

विकासखंड रुपईडीह के ग्राम पंचायतों में अखिर क्यों नहीं की जाती सरकार के आदेश का पालन।
 
अमृत सरोवर में भी वृक्षारोपण के  नाम पर हुआ जमकर खेल ।अमृतसरोंवार के चारों तरफ कराना था वृक्षारोपण नहीं दिखाई पड़ता सरोवरों पर एक भी पेड़।
पानी भराई के नाम पर भी हो  रहे जमकर खेला 
 
विभागीय अधिकारियों उदासीनता से 
सरकार की जल संरक्षण योजना हो रही हवा हवाई
 
आजादी के 75वे वर्ष पर  अमृत महोत्सव निर्माण करने के लिए विभागीय अधिकारियों के द्वारा सभी ग्राम पंचायतों कराये जाने का निर्देश दिया गया और अमृत सरोवर का निर्माण कार्यों में  लाखों रुपए खर्च  भी किया गए लेकिन धरातल पर कागजों में ही सिमट कर रह गए।
 
मामला विकासखंड रुपईडीह के 106 ग्राम पंचायतों के सापेक्ष 25 ग्राम पंचायतों में अमृत सरोवर का निर्माण कार्य कराए शुरू कराया गया 
 
लेकिन विभागीय उदासीनता व संबंधित अधिकारियों की लापरवाही के कारण अमृत सरोवर फाइलों में सिमट कर रह गया 25 ग्राम पंचायतों के सापेक्ष मात्र 10 ग्राम पंचायतों में ही अमृत सरोवर बनाए जा सके जो पानी के लिए तरस रहे हैं, ग्राम पंचायत कौड़िया, पूरे पाठक रुपईडीह ,कोचवा, रज्जनपुर ,इटहिया नबी जोत, पिपरा भोधर सहित अन्य ग्रामपंचायत में शेष आधे अधूरे पढ़े हुए हैं।
 
क्षेत्र के विभिन्न ग्राम पंचायतों में तालाबों व पोखरें सूखे पड़े हुए हैं जो लगातार सूरज की बढ़ती तपिश से पशु पक्षियों एवं जीव जंतु का बुरा हाल बना हुआ है जबकि शासन का उद्देश अमृत सरोवर निर्माण कर  जल संरक्षण करना तथा जीव-जंतुओं एवं पशु पक्षियों को जल उपलब्ध कराना लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों के द्वारा धनो के बंदरबांट करने के कारण  अमृत सरोवर मानकों के भेंट चढ़ गया।

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