महत्वपूर्ण TAX विधेयक पारित हुए बिना ही पाकिस्तानी संसद सत्र स्थगित

स्वतंत्र प्रभात।

पाकिस्तानी संसद का एक महत्वपूर्ण सत्र शुक्रवार को एक प्रमुख कर विधेयक पर मतदान के बिना स्थगित हो गया। आर्थिक संकट से जूझ रहे देश को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से बेहद जरूरी कर्ज दिलाने के लिए नए कर लागू करने के कदम को लेकर सरकार अपने सहयोगी दलों की ओर से आलोचना का सामना कर रही है। वित्त मंत्री इसहाक डार द्वारा बुधवार को अलग से पेश किए गए वित्त (अनुपूरक) विधेयक, 2023 को संसद में मंजूरी नहीं मिल पाई। इस विधेयक का उद्देश्य लोगों पर नए कर लगाकर और बिजली व गैस के दाम बढ़ाकर 170 अरब रुपए जुटाना है।

 IMF ने 2019 में पाकिस्तान को सात अरब अमेरिकी डॉलर का कर्ज देने पर सहमति जतायी थी, जिसमें से 1.1 अरब डॉलर जारी करने के लिए आईएमएफ ने कुछ शर्तें रखी हैं, जिनके तहत पाकिस्तान नए कर लगाने को मजबूर है। निचले सदन नेशनल असेंबली में सभी धन विधेयक पेश व पारित किए जाते हैं, जिसकी कार्यवाही सोमवार शाम तक के लिए स्थगित कर दी गई है क्योंकि सरकार के सहयोगी दल जनता पर नए करों का बोझ डालने के लिए उसकी आलोचना कर रहे हैं।

मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (MQM-P) के सांसद सलाहुद्दीन ने आरोप लगाया कि सरकार देश की समस्याओं से निपटने के लिए गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा, “रुपये की कीमत गिरी है; पेट्रोल, बिजली और गैस पहले से ही महंगे थे। ये बम जनता पर पहले ही गिराए जा चुके थे। और फिर हमारे वित्त मंत्री ने 15 फरवरी को एक और बम गिरा दिया।” इसी तरह, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के कादिर खान मंदोखेल ने कहा कि सरकार गरीबों पर बोझ कम करे और इसके बजाय आलीशान कारों व मकानों पर कर बढ़ाए। एमक्यूएम-पी और पीपीपी दोनों प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) नीत गठबंधन सरकार के सहयोगी दल हैं।  



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