पाकिस्तान के लिए चेतावनी जारी, जल्द होगा लोन डिफॉल्टर 

पाकिस्तान के लिए चेतावनी जारी, जल्द होगा लोन डिफॉल्टर 

स्वतंत्र प्रभात।

पाकिस्तान हाल के दिनों में आर्थिक संकट, पिछली गर्मियों की विनाशकारी बाढ़ और देश भर में आतंकवादी हमलों में वृद्धि से उपजी अस्थिरता से जूझ रहा है। इस बीच  दिवालिया होने की कगार पर खड़े पाकिस्तान के लिए एक और बुरी खबर आई है। न्यूयॉर्क स्थित वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने चेतावनी दी है कि अगर हालात नहीं सुधरे तो पाकिस्तान जल्द ही लोन डिफॉल्टर बन सकता है। दरअसल, विदेशी मुद्रा भंडार में तेज गिरावट के बाद पाकिस्तान अपने लोन चुकाने में भी असमर्थ होता जा रहा है। उसकी अर्थव्यवस्था पर्याप्त ऋण जोखिम का सामना कर रही है।

इस बीच फिच ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान की दीर्घकालिक विदेशी-मुद्रा जारीकर्ता डिफॉल्ट रेटिंग (IDR) को CCC+ से घटा कर CCC- कर दिया गया है। विदेशी मुद्रा भंडार में कमी के कारण यह रेटिंग घटाई गई है। एजेंसी की रेटिंग एक्शन कमेंट्री के मुताबिक उन्हें उम्मीद है कि पाकिस्तान IMF के साथ डील में सफल होगा  लेकिन रेटिंग घटाना दिखाता है कि पाकिस्तान की मुश्किलें कम नहीं होंगी।  अपनी रिपोर्ट में फिच ने कहा है कि लोन डिफ़ॉल्ट एक वास्तविक संभावना है। फिच ने पाकिस्तान की दीर्घकालिक विदेशी मुद्रा जारीकर्ता डिफ़ॉल्ट रेटिंग (IDR) को 'CCC+' से घटाकर 'CCC-' कर दिया। इसका मतलब यह है कि उसके तरलता और नीतिगत जोखिमों में और गिरावट आई। फिच ने कहा कि रेटिंग का डाउनग्रेड होना बाहरी लिक्विडिटी और फंडिंग की स्थिति में तेज गिरावट को दर्शाता है। पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में हाल के दिनों में बड़ी गिरावट देखी गई है।

 

फिच में अपनी रिपोर्ट में कहा है कि गिरता हुआ भंडार, बड़े पैमाने पर गिरावट, चालू खाता घाटा (सीएडी), बाहरी ऋण और पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के फॉरेन रिजर्व को देखते हुए स्थिति बहुत सुखद नहीं लग रही है, विशेष रूप से 2022 की चौथी तिमाही में। एजेंसी ने कहा उम्मीद है कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार निम्न स्तर पर रहेगा। हालांकि अनुमानित करेंसी फ्लो और हाल ही में विनिमय दर कैप को हटाने के कारण वित्त वर्ष 2023 के बाकी महीनों में सुधार होने की गुंजाइश बनी हुई है। फिच ने कहा कि उसे उम्मीद है कि पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) कार्यक्रम की नौवीं समीक्षा को सफलतापूर्वक पूरा कर लेगा। 2019 बेलआउट का एक महत्वपूर्ण USD 1.2 बिलियन हिस्सा पिछले साल दिसंबर से रुका हुआ था।

 

IMF ने पाकिस्तान से और अधिक नकदी जुटाने का आग्रह किया था। देश के केंद्रीय बैंक के अनुमान के अनुसार, 3 फरवरी को पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 2.9 बिलियन अमरीकी डॉलर था, जो तीन सप्ताह के आयात के लिए भी काफी नहीं था पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में आईएमएफ प्रतिनिधिमंडल के साथ दस दिनों तक गहन बातचीत की, लेकिन किसी समझौते पर नहीं पहुंच सका।आईएमएफ और पाकिस्तान सरकार ने सोमवार कोआभासी रूप से बातचीत फिर से शुरू की, जिसमें उम्मीद थी कि जल्द ही एक समझौता होगा, जो देश की बीमार अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेगा।

 

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