टीबी मुक्त भारत मिशन योजना फ्लाप,बीमारी से जूझ रहे टीबी के मरीज
पौष्टिक भोजन व ईलाज दवा कराने के पैसे नहीं रामचंदर प्रसाद,स्वयंसेवी संस्थाये व जनप्रतिनिधियो से मदद की दरकार
ऑनलाइन न्यूज चैनल स्वतंत्र प्रभात
कुशीनगर।जनपद के रामकोला विकास खण्ड के गांव सिधावे के टोला बसंतपुर निवासी 65 वर्षीय रामचंदर प्रसाद जो अनुसूचित जाति का है एक तरफ गरीबी और लाचारी से त्रस्त है दूसरे तरफ टीबी रोग से ग्रसित हैं,ऐसे में असहाय महसूस करता इस बुजुर्ग को अपना जीवन सुरक्षित रखना कठिन नहीं तो और क्या हैं।
दूसरे तरफ सरकार द्वारा चलाये गये निःक्षय योजना तथा षौष्टिक आहार हेतु 500रु पोषण भत्ता का लाभ दिये जाने का भी प्रावधान है ऐसे में ऐसे दलित गरीब के लिये योजना फलाप साबित हो रही है। दलित रामचंदर ने बताया कि मेरे बेटियां है, जो मजदूरी कर पेट जिलाती हैं और उसी मजदूरी के पैसे में ईलाज कराती है।पीड़ित बुजुर्ग ने बताया कि इस गांव में सरकारी चिकित्सा विभाग होते हुए कोई पूछने नही आता है तो इलाज कैसे होगा। इस प्रकार चिकित्सा विभाग कुंभकर्णी नींद में आराम फरमा रहा है।जब कि सरकार के मंशा के अनुरूप घर घर निःक्षय योजना का सर्वे व जनजागरूता कराना निर्धारित है जो फ्लॉप साबित हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि इस गांव के सूरज प्रसाद की टीबी रोग से मौत हो चुकी हैं। ग्रामीणों ने गांव में टीबी रोग निरीक्षण करने के साथ साथ शासन प्रशासन से पीड़ित रामचंदर का ईलाज कराने की मांग किया है।
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