सरकारी धन का दुरुपयोग या भू-माफिया को संरक्षण? पार्क के हरित क्षेत्र को नष्ट करने पर शासन से शिकायत

सरकारी धन का दुरुपयोग या भू-माफिया को संरक्षण? पार्क के हरित क्षेत्र को नष्ट करने पर शासन से शिकायत

कानपुर। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) साहित्य प्रचार विभाग के जिला संयोजक, प्रकाश वीर आर्य ने गोविंद नगर, ब्लॉक-8 स्थित सार्वजनिक पार्क में बड़े पैमाने पर हुए अतिक्रमण और हरित क्षेत्र के विनाश को लेकर जिलाधिकारी कानपुर नगर, नगर आयुक्त नगर निगम और मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार से तत्काल और कठोर कार्रवाई की मांग की है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि पार्क के 70% हरित क्षेत्र को जानबूझकर इंटरलॉकिंग टाइल्स से पाट दिया गया है, जो माननीय सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के स्पष्ट आदेशों की खुली अवमानना है।
 
मुख्य आरोप और चौंकाने वाले तथ्य: हरित क्षेत्र का विनाश: शिकायतकर्ता के अनुसार, पार्क के लगभग 70% हरित क्षेत्र (घास और पुराने पौधे) को अवैध रूप से इंटरलॉकिंग टाइल्स से पाट दिया गया है। NGT के आदेशानुसार, पार्कों में केवल वॉकिंग ट्रैक (अधिकतम 5% क्षेत्रफल) ही पक्का किया जा सकता है। अवैध धार्मिक/पक्के निर्माण: पार्क के हरित क्षेत्र में दो वर्ष पूर्व एक 10x20 फीट का धार्मिक चबूतरा बना दिया गया था, जिसे नगर निगम के अधिकारियों ने 'पुराना निर्माण' बताकर कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके कारण आज पार्क में हरियाली की जगह कब्ज़े के बड़े-बड़े ढांचे खड़े हो गए हैं।
 
सार्वजनिक धन का दुरुपयोग: शिकायत में आरोप है कि इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाने का कार्य सार्वजनिक धन (विधायक/सांसद निधि, आदि) का दुरुपयोग है, जिसका सीधा उद्देश्य हरित क्षेत्र को 'ऑक्सीजन ज़ोन' से हटाकर अवैध निर्माण को संरक्षण देना प्रतीत होता है। यह धारा 324 BNS के अंतर्गत एक आपराधिक कृत्य है। अधिकारियों पर गंभीर आरोप: श्री आर्य ने IGRS और RTI पर अधिकारियों द्वारा झूठी आख्या (जैसे 'निर्माण पुराना है' या 'शिकायत निस्तारित है') लगाने का आरोप लगाया है। यह कार्य न केवल प्रशासन को गुमराह करने का, बल्कि दोषी अधिकारियों को बचाने का भी स्पष्ट प्रयास है।
 
तत्काल कार्रवाई की मांग:
भाजपा नेता ने मांग की है कि दोषी अधिकारियों के विरुद्ध सेवा नियमों के तहत कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई और IPC/BNS की सुसंगत धाराओं के तहत तत्काल प्राथमिकी (FIR) दर्ज करने का आदेश दिया जाए। उन्होंने 15 दिनों के भीतर कार्रवाई की मांग की है: तत्काल ध्वस्तिकरण और बहाली: पार्क में मौजूद अवैध धार्मिक निर्माण और नए इंटरलॉकिंग टाइल्स को हटाकर, माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार 70% हरित क्षेत्र को पार्क के मूल रूप में तत्काल प्रभाव से बहाल किया जाए। कार्रवाई का विवरण: की गई कार्रवाई का विस्तृत विवरण और अवैध निर्माण हटाने की समय-सीमा 7 दिनों के भीतर उपलब्ध कराई जाए। आर्य ने चेतावनी दी है कि यदि इस अत्यंत गंभीर शिकायत पर नियमानुसार और कठोर कार्रवाई नहीं की जाती है, तो वह पूरे प्रकरण को लेकर माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष अवमानना याचिका  दायर करने के लिए बाध्य होंगे।

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