भयानक सर्दी के बावजूद नगरपालिका ने अब तक नहीं कि सड़क पर रात गुजारने वालों की सुविधा
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स्वतंत्र प्रभात-
इन दिनों पड़ रही कड़ाके की सर्दी में लोग ठिठुर रहे हैं लेकिन नगर पालिका प्रशासन अलाव जलाना भूल गया है। अस्पताल चौराहे से लेकर बस स्टैण्ड तक अलाव तलाशते लोगों को निराशा ही हाथ लग रही है।
स्वतंत्र प्रभात ब्यूरो उन्नाव बीते दो दिनों से मौसम ने करवट ली है। शीतलहर का असर साफ तौर पर देखा जा सकता है। पहाड़ों पर बर्फबारी के कारण मैदानी इलाकों में ठंड का असर बढ़ गया है।हाड़ कंपाऊ ठंड ने लोगों को कंपकपाने पर मजबूर कर दिया है। ठंड के तेवर के चलते पूरा दिन ठिठुर-ठिठुर कर बीत रहा है। जिसके चलते हर किसी का रोज़मर्रा प्रभावित हुआ है। लेकिन गौर करने वाली बात यह है इतनी ज्यादा ठंड के बावजूद नगरपालिका को अब तक इस बात का अहसास आखिर क्यों नही है? पालिका के अधिकारियों को अगर सर्दी का अहसास है तो फिर उन्होंने अब तक शहर में जगह-जगह अलाव जलवाने के प्रति संजीदगी क्यों नहीं दिख रही?
अब तक हो जानी थी शुरुआत
नये साल की पूर्व संध्या आते ही ठंड अपने तेवर दिखाई दिया। जिसके कारण हर साल दिसम्बर की शुरुआत से ही पालिका को शहर के चौराहों से लेकर बाकी अन्य इलाकों में अलाव की व्यवस्था करनी होती है। लेकिन इस बार जानलेवा बन चुकी ठंड से राहत दिलाने के नाम पर पालिका की ओर से अलाव की व्यवस्था नहीं करवाई गई है। बतातें चले नगरपालिका के वार्ड नम्बर 30 के सभासद मेराजउद्दीन ने अपने वार्ड क्षेत्र के अंतर्गत ज्यादातर चौराहों पर अलाव का इंतज़ाम किया इसके अलावा शहर के और क्षेत्रों में अलाव की व्यवस्था देखने को नही मिली है !
जरा इनके बारे में तो सोचिए
इस कड़ाके की ठंड में नगरपालिका के अधिकारी भले ही न कांप रहे हों लेकिन उन्हें कम से कम उनकी फिक्र तो करनी चाहिए जिन्हें एक अदद छत भी नसीब नहीं। जरा सोचिए ऐसे सर्द मौसम में खुले आसमान के नीचे दो गज नंगी जमीन पर सोने वाले लोगों का क्या होता होगा जो सड़क पर रात बिताने को मजबूर हैं। इनमें रिक्शा चालक, ऑटो चालक, पुलिस, रोड साइड ठिकाना बनाने वाले लोग शामिल हैं। ठंड के बाद भी इन लोगों को बाहर ही रात गुजारनी पड़ती है लेकिन पालिका की ओर से अलाव की व्यवस्था न होने से ऐसे लोगों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
नगर के सार्वजनिक स्थानों पर जिले सहित दूसरे शहरों के लोगों का आना-जाना लगा रहता है। बसों के इंतजार में घंटों एक ही स्थान पर यात्रियों का खड़ा रहना और अस्पताल में मरीजों के परिजनों के उपचार के लिए हफ्तों रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। अस्पताल में दर्द से पीडित ही लोग नजर आते हैं। धूप, बरसात और सर्दी के कहर झेलने को मजबूर होना पड़ता है। नगर पालिका की अनदेखी के चलते अभी तक शहर के किसी भी स्थान पर अलाव जलना शुरू नहीं हो सका है।
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