बिसौली विधानसभा पर इस बार भी नहीं दौड़ेगा हाथी

बिसौली विधानसभा पर इस बार भी नहीं दौड़ेगा हाथी

बहुजन समाज पार्टी का वोट बैंक कहे जाने वाला समाज अच्छी खासी संख्या में कुशाग्र सागर के साथ हैं


बिसौली-

 बिसौली विधानसभा 2012 के चुनाव से सुरक्षित है और यह विधानसभा समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है लेकिन 2017 के हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी कुशाग्र सागर ने करीबन 10000 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी।

बहुजन समाज पार्टी इस सीट पर एक भी बार विजय हासिल नहीं कर पाई है। 1996 व 2012  के चुनाव में बहुजन समाज पार्टी दूसरे नंबर पर रही है। 1996 में बसपा प्रत्याशी के रूप में गेंदनलाल मौर्य व 2012 के चुनाव में बसपा प्रत्याशी के रूप में योगेंद्र सागर की पत्नी प्रीति सागर ने चुनाव लडा था। 2002 में गेंदनलाल मौर्य, 2007 में लोकेन्द्र शर्मा, 2017 में मेजर कैलाश सागर तीसरे नम्बर पर रहे।

 वर्तमान भाजपा विधायक कुशाग्र सागर के पिताजी योगेंद्र सागर बहुजन समाज पार्टी से बिल्सी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे हैं बिसौली विधानसभा जब 2012 में आरक्षित हुई तो वह इस सीट पर आ गए और 2012 में अपनी पत्नी को बसपा से चुनाव लड़ाया। समाजवादी पार्टी से प्रत्याशी आशुतोष मौर्या की जीत हुई और प्रीति सागर दूसरे नंबर पर रही। 2017 का चुनाव आते-आते योगेंद्र सागर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और अपने पुत्र कुशाग्र सागर के लिए चुनाव लड़ाया।


बहुजन समाज पार्टी का वोट बैंक कहे जाने वाला समाज अच्छी खासी संख्या में कुशाग्र सागर के साथ हैं यह बहुजन समाज पार्टी के लिए सबसे बड़ा रोड़ा है। कुल मिलाकर 2022 में इस बिसौली विधानसभा पर सीधे-सीधे भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच मुकाबला होना निश्चित है।

 अभी तक भाजपा और सपा में टिकट पाने के लिए तमाम दावेदार हैं और क्षेत्र में भी सक्रिय हैं लेकिन बहुजन समाज पार्टी से कौन दावेदार है ऐसे लोग क्षेत्र में सक्रिय नहीं है और सूत्र बता रहे हैं अंदर खाने कुछ लोग टिकट पाने की जुगाड़ लगा रहे हैं।

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