शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के थाना जलालाबाद के गांव चचुआपुर निवासी धनपाल और प्रल्हाद को 3 अक्टूबर 2004 को शाहजहांपुर पुलिस ने दस्यु सरगना नरेशा धीमर गिरोह का सदस्य बताकर गोली मारकर एनकाउंटर कर दिया था।इस मामले में प्रल्हाद के भाई रामकीर्ति ने फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाते हुए CJM कोर्ट शाहजहांपुर में 2012 में एक प्रार्थना पत्र दिया था। इससे पहले पीडित प्रशासनिक अधिकारियों और डीएम शाहजहांपुर की चौखट पर माथा रगड़ता रहा लेकिन सुनवाई नही हुई। CJM शाहजहांपुर आभापाल ने पीडित के प्रार्थना पत्र के आधार पर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक शाहजहांपुर सुशील कुमार सिंह,अपर पुलिस अधीक्षक माता प्रसाद सहित तीन सीओ, एसओजी सहित 11 थानाध्यक्षों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। जिसके बाद पुलिस ने थाना जलालाबाद में एसपी समेत 18 पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पीड़ित पक्ष के वकील एज़ाज हसन खां , ने बताया कि रामकीर्ति ने कोर्ट में दिए प्रार्थना पत्र में आरोप लगाते हुए लिखा है कि मृतक धनपाल और प्रल्हाद खेत मे काम कर रहे थे। तभी पुलिस ने उन्हें गोली मार दी। इसके बाद उनके कंधों पर बंदूक टांगी और कमर में कारतूसों की पेटी भी बांध दी थी। आरोप है कि पुलिस ने फर्जी इन काऊंटर किया है। कोर्ट ने पीडित की तहरीर पर उस समय के एसपी सहित 18 पुलिस कर्मियों पर केस दर्ज करने के आदेश दिए जिसके बाद पुलिस ने जलालाबाद थाने में तत्कालीन एसपी , एडिशनल एसपी , सीओ और कई थानेदार सहित 18 पुलिस कर्मियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।