अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में एम. ए. के विद्यार्थी पढ़ेंगे डॉ. नागेश की दो पुस्तकें

अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में एम. ए. के विद्यार्थी पढ़ेंगे डॉ. नागेश की दो पुस्तकें

जनपद के बाल साहित्यकार डॉ. नागेश पांडेय 'संजय' की दो पुस्तकों को  महात्मा गांधी अंतर-राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के एम. ए. (हिंदी) के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। 


शाहजहांपुर। जनपद के बाल साहित्यकार डॉ. नागेश पांडेय 'संजय' की दो पुस्तकों को  महात्मा गांधी अंतर-राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के एम. ए. (हिंदी) के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। विश्वविद्यालय ने बाल साहित्य को वैकल्पिक प्रश्नपत्र के रूप में तृतीय सेमेस्टर में सम्मिलित किया है, जिसमें निरंकार देव सेवक, जयप्रकाश भारती, डॉ. हरिकृष्ण देवसरे, विनोदचन्द्र पांडेय, प्रो. ओमप्रकाश सिंहल, प्रो. शकुंतला कालरा, डॉ. प्रकाश मनु के साथ-साथ डॉ. नागेश की भी दो पुस्तकों  'बाल साहित्य के प्रतिमान' तथा 'बाल साहित्य सृजन और समीक्षा' को सन्दर्भ ग्रन्थों के रूप में स्थान मिला है। बता दें कि नागेश पिछले 36 वर्षों से बालसाहित्य लिख रहे हैं।

बालसाहित्य में ही उन्होंने पीएच डी उपाधि प्राप्त की है। बच्चों के लिए कहानी, उपन्यास, कविता, नाटक के अतिरिक्त बाल साहित्य आलोचना विधा में लिखने वाले नागेश की अब तक कुल 40 किताबें छप चुकी हैं। डॉ. नागेश को उनकी इस उपलब्धि पर केशव चन्द्र मिश्र, अजय गुप्त, डॉ. हरिओम त्रिपाठी,अमितेश अमित, बृजेश मिश्र, डॉ. अवनीश मिश्र, डॉ. सत्यप्रकाश मिश्र, डॉ. रविमोहन, अरुण प्रताप सिंह भदौरिया, डॉ. अनुराग अग्रवाल,  डॉ. प्रभात शुक्ल आदि ने बधाई दी है।

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