रेलवे के नियम को हथियार बना सकते , हत्यारोपी दरोगा जेएन सिंह, बिना टिकट कर रहा यात्रा
जेएन सिंह ट्रेन में बिना टिकट सफर कर खुद को पकड़वाने की तैयारी में है। बिना टिकट यात्रा करने वाले अगर जुर्माना नहीं भरते हैं तो उन्हें जेल भेजा दिया जाता है।
स्वतंत्र प्रभात
गोरखपुर-
बिना टिकट रेल में यात्रा के संबंध में रेलवे के नियम को हथियार बनाकर मनीष गुप्ता की मौत के मामले में वांछित मुख्य आरोपी जेएन सिंह खुद ही जेल जाने की फिराक में है। पुलिस महकमे में यह चर्चा शनिवार को जबरदस्त तरीके से रही। आश्चर्य नहीं कि इस तरीके का इस्तेमाल करके वह और उसके साथी आराम से कहीं जेल में सुरक्षित बैठे हों।
बताते चले कि रेलवे में बिना टिकट यात्रा करने पर जुर्माने का प्रावधान है। यदि जुर्माना नहीं भरा गया तो आरोपी को जेल भेजने का नियम है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें अपराधियों ने इस तरीके से खुद को पुलिस की पकड़ से बचाया है।
शासन के दबाव के बाद आरोपी जेएन सिंह की गिरफ्तारी के लिए एसआईटी और गोरखपुर पुलिस की टीमें छापा मार रही हैं। लेकिन सूत्रों के मुताबिक वह ट्रेन से सफर कर खुद को पकड़वाने की तैयारी में जुटा है। गोंडा से लखनऊ के बीच यात्रा उसके लिए बेहतर है, क्योंकि गोरखपुर से शाम को चलने वाली ट्रेनें रात में होकर गुजरती हैं।
रात में यात्रा करना भी उसके लिए मुफीद है। रेलवे में उसे कोई पहचानता भी नहीं है। लिहाजा उसे इस काम में दिक्कत नहीं होगी। जेएन सिंह को जानने वाले कहते हैं कि आश्चर्य नहीं कि जेएन सिंह एंड कंपनी ने इस योजना को अमलीजामा पहना भी दिया हो।
यह है रेलवे का नियम
रेलवे में नियम है कि ट्रेन में बिना टिकट यात्रा करने पर टीटीई किराए के अलावा 250 रुपये जुर्माना लगाता है। अगर यात्री जुर्माना नहीं भरता है तो उसे आरपीएफ के हवाले कर दिया जाता है। आरपीएफ यात्री को रेलवे मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करती है। मजिस्ट्रेट जुर्माना लगाते हैं। अगर जुर्माना नहीं भरा जाता है तो यात्री को जेल भेज दिया जाता है। पूर्व में कई अपराधी इस नियम का फायदा उठाकर सीधे जेल जा चुके हैं।
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