आर्थिक तंगी से परेशान चार बच्चियों की पिता ने लगाई फाँसी

ब्यूरो रिपोर्ट-प्रमोद रौनियार कुशीनगर, उप्र।जिले के जटहां बाजार थाना कस्बे में एक लगभग 42 वर्षीय व्यक्ति ने आर्थिक तंगी से शिकार होकर मंगलवार तड़के सुबह 10:00 बजे में गले में फंदा लगाकर आत्महत्या कर लिया। आत्महत्या की खबर मिलते ही पूरे कस्बे में जंगल की आग की तरह फैल गई और लोगों की भीड़ दरवाजे

ब्यूरो रिपोर्ट-प्रमोद रौनियार

कुशीनगर, उप्र।
जिले के जटहां बाजार थाना कस्बे में एक लगभग 42 वर्षीय व्यक्ति ने आर्थिक तंगी से शिकार होकर मंगलवार तड़के सुबह 10:00 बजे में गले में फंदा लगाकर आत्महत्या कर लिया।

आर्थिक तंगी से परेशान चार बच्चियों की पिता ने लगाई फाँसी

आत्महत्या की खबर मिलते ही पूरे कस्बे में जंगल की आग की तरह फैल गई और लोगों की भीड़ दरवाजे पर एकत्रित हो गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उपरोक्त कस्बा निवासी मनोज पुत्र गोपी ने उस समय फंदा लगाया जब उसके बीवी बच्चे किसी काम को लेकर बगल के गांव मैं गए हुए थे इधर मनोज घर को सुनसान पाकर गले में फंदा लगाकर आत्महत्या कर लिया।

आत्महत्या की खबर मिलते ही उसके बीवी बच्चे भाग दौड़ कर घर आए तो अपने घर के मुखिया को फांसी के फंदे पर लटकते देख बीवी बच्चे सब बेहोश होकर गिर पड़े।इसी दौरान किसी ने पुलिस को खबर कर दी। खबर मिलते ही थानाध्यक्ष संजय कुमार अपने हमराही सिपाहियों के साथ तत्काल मौके पर पहुंच गए।करीब दो घंटे तक थानाध्यक्ष संजय कुमार द्वारा पीड़ित परिवार के सदस्यों को ढाढस बढ़ाते हुए उनकी मनोबल को हौसला अफजाई करते रहे।

मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष संजय कुमार ने मनोज को फंदे से उतारकर पंचनामा भरवा कर शव को पोस्टमार्टम रिपोर्ट हेतु मर्चरी हाउस भेज दिया है।वही थानाध्यक्ष संजय कुमार ने मानवता का मिसाल पेश करते हुए आर्थिक तंगी से परेशान परिवार को ढाढस बढ़ाते हुए हर समय खड़े रहने का आश्वासन देते हुए तत्काल ₹5000 का आर्थिक योगदान देकर पीड़ित परिवारों को साहस बढ़ाया।

बीबी बच्चो के सिर पर टूटा पहाड़

मृतक मनोज की पत्नी आशा व 18 वर्षीय पुत्री नेहा व 13 वर्षीय स्नेहा 11 वर्षीय पुत्र अंकुर 8 वर्षीय पुत्री अमृता 3 वर्षीय पुत्री परिधि के सिर से पिता का साया उजड़ने के बाद सब बदहवास है। मौके पर जुटी पास पड़ोस के महिलाएं उन्हें समझा-बुझाकर होश में लाने का पूरी कोशिश करती रही।
ग्रामीणों की जुबानी माने तो मनोज सुबह से शाम तक पानी पुरी का ठेला लेकर गांव में जाता था और शाम तक भ्रमण कर घर लौटा था और अपने कुनबों का पेट भरता था। 
ग्रामीणों की जुबानी हो रही चर्चा में यह सुनाई दिया कि एक बिटिया बड़ी हो गई थी। जिसकी शादी को लेकर वह काफी चिंतित रहता था। कहीं उसके निर्णय का इम्तहान आर्थिक तंगी से परेशान ही हो सकता है। जिसके कारण उसने आखरी फैसला आत्महत्या ही ढूंढ लिया।


थानाध्यक्ष संजय कुमार ने दिखाई दरियादिली तो कस्बे में बना चर्चा का विषय

आर्थिक तंगी से परेशान चार बच्चियों की पिता ने लगाई फाँसी
पीड़ित परिजनों को ढांढस बढ़ाते थानाध्यक्ष संजय कुमार

प्रमोद रौनियार

जिले के थाना जटहां बाजार के थानाध्यक्ष संजय कुमार की दरियादिली की चर्चा कस्बे में तब छा गई जब थानाध्यक्ष अपने हमराही सिपाहियों के साथ जटहां बाजार में एक व्यक्ति द्वारा फांसी लगाकर की गई आत्महत्या का पोस्टमार्टम तो किया ही बड़े ही सरल और मधुर विचार के धनी संजय कुमार ने मृतक मनोज के परिवारीजनों के साथ करीब 2 घंटे तक डटे रहने के बाद उनका मनोबल तो ऊंचा कर ही रहे थे।
 

इससे भी जब थानाध्यक्ष का जी नहीं भरा तो ₹5000 तत्काल इस दुःखद घड़ी में खड़े रह कर पीड़ित परिवार को देकर हर समय साथ खड़े रहने का भरोसा जगाया। यही तक नहीं उन परिवारों को हौसला देते हुए उन्होंने कहा कि जब भी किसी भी तरह की जरूरत हो थाने पर जब तक मैं हूं तब तक किसी बात की कमी का एहसास नहीं होने देंगे।


थानाध्यक्ष संजय कुमार के इस योगदान को देख सुनकर जटहां बाजार कस्बे में उनकी चहुओर ऐसे नेक कार्य में आगे रहने नेक अधिकारी होने की चर्चा हो रही है।

About The Author: Swatantra Prabhat