भगवान विष्णु का मास है मलमास(पुरूषोत्तम मास)-कर्मयोगी पं प्रमोदशास्त्री
भगवान विष्णु का मास है मलमास(पुरूषोत्तम मास)-कर्मयोगी पं प्रमोदशास्त्री गौरव पुरी (रिपोर्टर ) ज्ञानपुर, भदोही । सनातनधर्म मे ज्योतिष शास्त्रानुसार दो प्रकार के महिने होते हैं 1-सौरमास 2-चन्द्रमास, सूर्य एकगति से हर एक संक्रांति पार करते हुए बारह महिने मे बारह संक्राति पार करता है इसी का एक वर्ष होता है परन्तु चन्द्रमा की गति
भगवान विष्णु का मास है मलमास(पुरूषोत्तम मास)-कर्मयोगी पं प्रमोदशास्त्री
गौरव पुरी (रिपोर्टर )
सनातनधर्म मे ज्योतिष शास्त्रानुसार दो प्रकार के महिने होते हैं 1-सौरमास
2-चन्द्रमास, सूर्य एकगति से हर एक संक्रांति पार करते हुए बारह महिने मे बारह संक्राति पार करता है इसी का एक वर्ष होता है परन्तु चन्द्रमा की गति कम जादा होती रहती है एवं बारह महीने मे सूर्य से 11दिन3घटी14पल कम चलता है ।यही करण है कि प्रति तीसरे वर्ष एक अधिक महीनाफ लगता है ।
जिसे मलमास कहा जाता है। एकबात और प्रत्येक चन्द्रमास के स्वामी अलग अलग हैं । चन्द्रमा पूर्णिमा को जिस नछत्र पर रहता है । वही उस महीने की स्वामी एवं उसी के नाम के अनुसार महीने का नाम भी है, जैसे चैत्र महीने मे चन्द्रमा चित्रा नछत्र पर रहता है।
Read More नहीं रुक रहा है ओवरलोड ओवर हाइट गन्ना ट्रकों का संचालन कभी घट सकती है बड़ी दुर्घटना प्रशासन मौनअत:चैत्र ,वैशाख का विशाषा, जेष्ठ का जेष्ठा इसी प्रकार बाकी के भी स्वामी है परन्तु मलमास चूंकि अतिरिक्त मास है अत:इसका कोई स्वामी नही।पौराणिक कथनानुसार एकबार मलमास को अपने स्वामिहीन होने पर बहुत ग्लानि हुई और वह अपनी व्यथा लेकर ब्रह्माजी के पास पहुँचा ब्रह्मा जी उसे विष्णु जी के पास ले गए ,
भगवान विष्णु ने मलमास की व्यथा सुनी और कहा कि अब से तुम मेरे नाम से जाने जाओगे तथा तुम्हारा स्वामी मैं हूँ।तभी से इसे पुरुषोत्तम मास कहा जाता है।इस मास मे किया गया व्रत पूजन यग्य जप स्नान दान का फल अन्य मासों से सहस्त्रगुणा जादा होता है,।
, भगवान शिव श्रीहरिविष्णु के प्रिय है ।अत: इसमास मे की गई शिवाराधना का भी अनंत गुणा फल मिलता है। उक्त बातें 23सितम्बर से होने वालेविश्वमहामारी शांति हेतु मानस महायग्य के योजना बैठक मे श्री शास्त्री जी ने कही।
आपने कहा कि वर्तमान समय मे किसी शिवालय या भगवान विष्णु(राम,कृष्ण नृसिंह आदि) के मन्दिर या भीड़भाड़ वाले स्थान से अच्छा है कि घर पर ही शिवार्चन हरिअर्चन करें। इस अवसर पर राजीवगो़यल, सुभाषदुबे, रोहितपाण्डेय आदि उपस्थित रहे।

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