अक्षय अहिवात को सुहागिनों ने रखा निर्जला व्रत ।

अक्षय अहिवात को सुहागिनों ने रखा निर्जला व्रत । ए •के• फारूखी (रिपोर्टर ) ज्ञानपुर, भदोही । सौभाग्य एवं अक्षय अहिवात ( सुहाग की रक्षा) के लिए हरितालिका व्रत अर्थात तीज पर्व शुक्रवार को श्रद्धा व विश्वास के साथ मनाया गया। निर्जला व्रत रख महिलाओं ने अखंड अहिवात की कामना की। इस दौरान तालाब व

अक्षय अहिवात को सुहागिनों ने रखा निर्जला व्रत ।

ए •के• फारूखी (रिपोर्टर )

ज्ञानपुर, भदोही

सौभाग्य एवं अक्षय अहिवात ( सुहाग की रक्षा) के लिए हरितालिका व्रत अर्थात तीज पर्व शुक्रवार को श्रद्धा व विश्वास के साथ मनाया गया। निर्जला व्रत रख महिलाओं ने अखंड अहिवात की कामना की। इस दौरान तालाब व सरोवर के आसपास पीठ स्थापित कर भगवान शिव-पार्वती का विधि-विधान से पूजन-अर्चन किया गया।हरितालिका व्रत को लेकर कई दिन पूर्व से ही महिलाएं तैयारी शुरू कर दी थीं। पूजन के साथ श्रृंगार सामग्री की खरीदारी में जुटी रहीं। शुक्रवार को भोर में ही गूंगी स्नान कर अल्प जल ग्रहण करने के बाद निर्जला व्रत शुरू किया।

पति के दीर्घायु की कामना के साथ शुरू इस निर्जला व्रत को लेकर महिलाएं भोर से ही श्रृंगार आदि में जुटी रही। अधिसंख्य स्थानों पर महिलाएं बाजार से भगवान शिव और पार्वती की मूर्ति खरीद रही थीं, तो कई स्थानों पर महिलाएं खुद हाथ से मूर्ति तैयार करने में जुटी रही। शाम होते ही सोलहों श्रृंगार अर्थात नए-नए परिधान में महिलाएं एकजुट होकर सरोवर, नदियों के किनारे पीठ स्थापित कर भगवान गंगाधर और आदि शक्ति पार्वती का विधि-विधान से पूजन- अर्चन किया। इस दौरान अधिसंख्य स्थानों पर व्रती महिलाएं भगवान शिव और मां पार्वती की कहानी भी सुना रहीं थी। मान्यता है कि निर्जला व्रत रखने से पति दीर्घायु होता है। पति की दुर्घायु के लिए यह सबसे कठिन व्रत होता है।

ताकि मिले मनोवांछित वर ।

अखंड सौभाग्य की कामना की परम पावन पर्व व्रत हारितालिका तीज भादों मास के शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को किया जाता है। इसमें हस्त नक्षत्र में भगवान शिव व माता पार्वती के पूजन का विशेष महत्व है। एक और जहां सुहागिनें सुहाग की रक्षा के लिए व्रत रखती हैं तो को कहीं कुछ कुंवारी कन्याएं भी व्रत रख सकती हैं। मान्यता है कि मां पार्वती ने इस व्रत को शिवजी को पति के रूप में पाने के लिए रखा था। कुंवारी कन्याएं व्रत रखती हैं तो उन्हें मनोवांछित वर की प्राप्ति होती है।






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