मनमानी कीमत में व्यापारी बेच रहे हैं प्रतिबंधित पान मसाला

मनमानी कीमत में व्यापारी बेच  रहे हैं प्रतिबंधित पान मसाला

मनमानी कीमत में व्यापारी बेच रहे हैं प्रतिबंधित पान मसाला फतेहपुर ,लाक डाउन शुरू होने के कुछ दिन बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पान मसाला गुटखा बनने व विक्री होने पर पूर्णता रोक लगा दिया था जिसको लेकर जिलाधिकारी ने इसकी बिक्री पर प्रतिबंध लगाते हुए कड़े निर्देश दिए थे लेकिन इसके बावजूद

मनमानी कीमत में व्यापारी बेच  रहे हैं प्रतिबंधित पान मसाला


फतेहपुर ,लाक डाउन शुरू होने के कुछ दिन बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पान मसाला गुटखा बनने व विक्री होने पर पूर्णता  रोक लगा दिया था जिसको लेकर जिलाधिकारी ने इसकी बिक्री पर प्रतिबंध लगाते हुए कड़े निर्देश दिए थे लेकिन  इसके बावजूद उक्त सामग्री के थोक व्यापारी इन प्रतिबंधित वस्तुओं की कालाबाजारी पर्दे के पीछे से जमकर कर रहे है। इतना ही नहीं इस प्रतिबंधित सामान को दो से तीन गुना कीमत पर बेचा जा रहा है। जिसे रोकने में प्रशासनिक मशीनरी फेल नजर आ रही है।मसाला, पान खाकर इधर-उधर थूंकने से होने वाले संक्रमण के खतरे को देखते हुए गत दिनों डीएम ने लॉक डाउन के दौरान तम्बाकू, सहित गुटखा व पान पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिसके बाद थोक व्यापारियों सहित फुटकर दुकानदारों ने इसकी बिक्री को रोक दिया। लोगों की इस प्रतिबंधित सामान के लिए बढ़ी मांग को देखते हुए फुटकर दुकानदारों ने इसको मंहगा करके बेचना शुरू कर दिया। इसका फायदा उठाकर ऐजेंसी संचालकों ने इसकी बिक्री पूरी तरह से रोक दी। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया बाजारों से गुटखा गायब होने लगा, इस बात का फायदा उठाते हुए थोक के व्यापारियों ने पर्दे के पीछे से इसकी बिक्री मनमाने दाम पर करना शुरू कर दिया। आलम यह है कि इन कालाबाजारियों की मनमानी रेट पर प्रतिबंधित सामान की बिक्री पर्दे के पीछे से करने के चलते तीन रुपए का मसाला बाजारों में दस रुपए की कीमत तक बेचा जा रहा है। इतना ही नहीं पुलिस की आंखों में धूल झोंकते हुए गुटखा व सिगरेट की ऐजेंसी संचालक इस सफाई से काम करते है कि कोई भी उन्हे पकड़ नहीं पाता। जिससे इनके द्वारा तम्बाकू व सिगरेट के आदी लोगों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए मनमानी कीमत पर इसकी बिक्री की जाती है।
शहर में कई स्थानों पर बन रहा अवैध गुटखा
शहर के कई स्थानों पर अवैध रूप से नकली गुटखा बनाया जाता है। जिसका भण्डाफोड़ करने में पुलिस नाकाम दिखाई दे रही है। सूत्रों का कहना है कि शहर के राधानगर सहित हरिहरगंज, देवीगंज, तुराबअली का पुरवा, संचालित होती है। इन फैक्ट्री संचालकों द्वारा पुलिस की आंख में धूल झोंकने के लिए खण्डहर पड़े मकान में बाहर से ताला लगाकर अंदर काम किया जाता है। पूर्व में राधानगर से पुलिस ने अवैध फैक्ट्री का भण्डाफोड़ भी किया था।

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