बैंकों में सोशल डिस्टेंस का मापदण्ड फेल

बैंकों में सोशल डिस्टेंस का मापदण्ड फेल

एक साथ कई सरकारी इमदादों के चलते दिन प्रतिदिन बढ़ रही भीड़ संवाददाता -जय दीप सिंह सरस परसपुर, गोण्डा-कोरोना वायरस ने अब लगभग समूचे विश्व को अपने लपेटे में ले लिया है। वर्तमान में जहाँ इस महामारी ने सम्पूर्ण मानव जाति को ज़िन्दगी और मौत के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है वहीं अभी

एक साथ कई सरकारी इमदादों के चलते दिन प्रतिदिन बढ़ रही भीड़

संवाददाता -जय दीप सिंह सरस

परसपुर, गोण्डा-
कोरोना वायरस ने अब लगभग समूचे विश्व को अपने लपेटे में ले लिया है। वर्तमान में जहाँ इस महामारी ने सम्पूर्ण मानव जाति को ज़िन्दगी और मौत के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है वहीं अभी तक इसका कोई स्थायी निदान भी नहीं खोजा जा सका है।

एक मात्र सामुदायिक दूरी (सोशल डिस्टेंस) ही इससे बचने का उपाय है जिसके बारे में जहाँ शासन प्रशासन द्वारा लगातार निर्देश जारी किए जा रहे हैं वहीं आम जनता के हितों को देखते हुए किसान सम्मान निधि मुफ्त गैस सिलेंडर की राशि जनधन खातों में सहायता राशि पेंशन आदि के रुप में एक साथ कई योजनाओं के लाभ बैंकों के माध्यम से जनता को उपलब्ध कराए गये हैं।

इन योजनाओं के द्वारा एक ओर तो जनता की सहायता का प्रयास किया जा रहा है तो दूसरी तरफ शासन द्वारा जारी लाक डाउन एवं सोशल डिस्टेंस के नियमों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। कुछ ऐसा ही नजारा मंगलवार को प्रथमा यू पी बैंक की पसका शाखा में देखने को मिला । जहाँ पैसा निकालने के लिए बैंक के अन्दर आपस में सटे हुए तमाम लोग खड़े थे तो बाहर भी सैकड़ों की संख्या में लोगों का जमावड़ा था।

मौके पर मौजूद पसका चौकी के सिपाही द्वारा बार बार समझाने व सख्ती दिखाने के बावजूद लोगों खासकर महिलाओं पर कोई असर नहीं हो रहा था। लाक डाउन व शासन प्रशासन द्वारा तमाम जागरूकता के बाद भी लोगों की ये लापरवाही कहीं न कहीं एक बड़े खतरे का सबब बन सकती है।

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