करोना महामारी में उद्योगपतियों का नहीं मिल रहा साथ

करोना महामारी में उद्योगपतियों का नहीं मिल रहा साथ

तो भारत ढाबा मालिक हरिशंकर वर्मा ने दी उद्योगपतियों को मात स्वतंत्र प्रभात कमल रावत शाहजहांपुर/ करोना महामारी जैसी आपदा में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिए गए निर्णय 21 दिन के लॉक डाउन के आधार पर देश में लॉक डाउन के मात्र अभी 4 दिन बीते हैं जिसे जनता अपने हित में मानते हुए

तो भारत ढाबा मालिक हरिशंकर वर्मा ने दी उद्योगपतियों को मात
 स्वतंत्र प्रभात 

कमल रावत
शाहजहांपुर/  करोना महामारी जैसी आपदा में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिए गए निर्णय 21 दिन के लॉक डाउन के आधार पर देश में  लॉक डाउन के मात्र अभी 4 दिन बीते हैं  जिसे जनता अपने हित में मानते हुए सही से फॉलो भी कर रही थी

इसी बीच अब सरकार के सामने नोएडा गाजियाबाद  दिल्ली जैसे शहरों में  फसे मजदूर वर्ग के एक साथ  झुंड में निकलने के कारण नई समस्या खड़ी हो गई है जो एक गंभीर विषय है मजदूरों के सामने भी एक मजबूरी है जो फैक्ट्रियां बंद होने और मजदूरी ना मिलने के कारण खाने को लाले पड़ जाने पर लगातार सवारी ना मिलने के कारण पैदल ही हाईवे रोड  पर झुंड के साथ जाते दिखाई दे रहे हैं इस बीच सरकार ने इतिहास के सबसे बड़े राहत पैकेज का ऐलान भी किया है लेकिन लॉक डाउन में आ रही नई नई समस्याओं के बीच  यह राहत पैकेज पर्याप्त नहीं है

अब सरकार के पास सबसे बड़ी समस्या झुंड के साथ भारी संख्या में निकले मजदूरों की है ऐसे में कुछ सामाजिक लोगों द्वारा तरह तरह से निकलने  वाले मजदूर वर्ग के लोगों को खाना खिला कर राहत पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है लेकिन जिले में  कोई उद्योगपति निकल कर सामने नहीं आया है जो निकल कर आता तो जिले में  ऐसी कोई समस्या उत्पन्न  नहीं होती जबकि जिले में  जानकी  साल्वेंट  माधव गोपाल के केआर पेपर मिल जिसने प्रदूषण फैला कर लोगों का जीना हराम कर दिया है जो जिले के सबसे बड़े उद्योगपति  माने जाते हैं जैसे तमाम उद्योगपति हैं 

लेकिन इस आपदा के बीच लोगों की मदद को हाथ बढ़ाने में पीछे हट गए हैं जो अब कहीं नजर नहीं आ रहे हैं वहीं हरदोई बाईपास पर भारत ढाबा  चलाने वाले हरि शंकर वर्मा  उर्फ टॉफी करोना बचाव का संदेश देते हुए 27  मार्च को पूरे दिन रोड से गुजर रहे राहगीरों को सैनिटाइजर से हाथ  साफ कराकर चूने से गोल दार गोला बनाकर दूरी के साथ खाना खिलाते देखे गए जिनके होटल पर आज भी अगर कोई भूखा रहागीर पहुंच जाता है तो उसे निशुल्क खाना खिलाया जाता है जिसकी क्षेत्र में लोग प्रशंसा भी कर रहे हैं जो जिले के धन्ना सेठों के लिए एक सबक है

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