
जिलाधिकारी ने संचारी रोगों के नियंत्रण के लिए जारी की एडवाइजरी
अलीगढ़। जिलाधिकारी चन्द्र भूषण सिंह ने वर्षा ऋतु के दौरान फैलने वाले संचारी रोगों की रोकथाम एवं आमजन के स्वास्थ्य को दृष्टिगत रखते हुए जनमानस से अपील करते हुए कहा है कि अपने घरों एवं आस-पास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि संचारी रोग विशेषकर डेंगू बुखार, डेंगू मच्छर के काटने से होता
अलीगढ़।
जिलाधिकारी चन्द्र भूषण सिंह ने वर्षा ऋतु के दौरान फैलने वाले संचारी रोगों की रोकथाम एवं आमजन के स्वास्थ्य को दृष्टिगत रखते हुए जनमानस से अपील करते हुए कहा है कि अपने घरों एवं आस-पास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
उन्होंने कहा कि संचारी रोग विशेषकर डेंगू बुखार, डेंगू मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर दिन में काटता है और साफ पानी में पैदा होता है इसलियें घरों में कूलर, बाल्टी, फ्लावर पाॅट, फ्रिज ड्रिप पैन, घडे़ आदि का पानी बदलते रहें।
शरीर पर मच्छर निरोधक क्रीम या तेल लगाएं एवं पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें। घर के आस-पास पानी जमा न होने दें यदि पानी जमा है तो कुछ बूंदे मिट्टी का तेल डाल दें। उन्होंने कहा कि तेज बुखार एवं बदन दर्द, सिर, जोड़ों एवं आंखों में दर्द व शरीर पर दाने या चकत्ते दिखाई दें तो तुरन्त नजदीकी चिकित्सालय में सम्पर्क किया जाए।
मुख्य चिकित्साधिकारी बी.पी.एस. कल्याणी ने बताया है कि जनपद में संचारी रोगों के आमजन की सुरक्षा के लिये 01 से 31 जुलाई तक विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिये ब्लाॅक स्तरीय प्रशिक्षण के सम्बन्ध में सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के चिकित्सा अधीक्षकों को आवश्यक दिशा-निर्देशा देते हुए बताया है
कि पर्यवेक्षक, फ्रंट लाइन वर्कर, एएनएम एवं आशा बहनों को ब्लाॅक स्तरीय चिकित्सालयों पर प्रशिक्षण दिया गया है। कल्याणी ने बताया कि संचारी रोग नियंत्रण अभियान की सफलता के लिये शिक्षा एवं ग्राम विकास विभाग के कार्मिकों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग के कार्मिकों को एबीएसए द्वारा बीडीओ कार्यालय में प्रत्येक विद्यालय से एक नोडल अध्यापक को 26 जून तक एवं बीडीओ द्वारा ग्राम प्रधान एवं ग्राम विकास अधिकारी को 27 से 29 जून तक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
उन्हांेने बताया कि स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य विभागों द्वारा फ्रंटलाइन एवं अन्य कार्मिकों का प्रशिक्षण मास्टर प्रशिक्षकों द्वारा कराया जाएगा, जिसमें प्रत्येक बैच में 20 से अधिक प्रशिक्षणार्थी प्रतिभाग नहीं करेंगे।
उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रशिक्षणार्थियों द्वारा अनिवार्य रूप से प्रोटो काॅल के तहत सोशल डिस्टेंसिंग एवं मास्क का प्रयोग किया जाएगा।
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