40 डिग्री तापमान में भी बखूबी अपना फर्ज निभा रहीं आशा कार्यकर्ता
40 डिग्री तापमान में भी बखूबी अपना फर्ज निभा रहीं आशा कार्यकर्ता जिम्मेदारियां निभाने में नहीं आ रही आंच ग्रामीण क्षेत्र में 650 और शहरी क्षेत्र में 21 आशा कार्यकर्ता कार्यरत कोरोना जंग में आशा कार्यकर्ताओं की है अहम भूमिका महोबा-कोरोना के खिलाफ लड़ाई में डॉक्टरों की तरह जमीनी स्तर पर काम कर रहीं आशा
40 डिग्री तापमान में भी बखूबी अपना फर्ज निभा रहीं आशा कार्यकर्ता
जिम्मेदारियां निभाने में नहीं आ रही आंच
ग्रामीण क्षेत्र में 650 और शहरी क्षेत्र में 21 आशा कार्यकर्ता कार्यरत
कोरोना जंग में आशा कार्यकर्ताओं की है अहम भूमिका
महोबा-कोरोना के खिलाफ लड़ाई में डॉक्टरों की तरह जमीनी स्तर पर काम कर रहीं आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है । राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ घर-घर तक पहुंचाने वाली आशा कार्यकर्ता आज इस मुश्किल समय में कोरोना वायरस की जंग में अहम भूमिका निभा रही हैं। जिले का तापमान 38 से 40 डिग्री चल रहा है। तेज गर्मी और धूप ने आशाओं की मुश्किलें तो बढ़ा दी है लेकिन वह अपने फर्ज को बखूबी निभा दे रही हैं। साथ ही पल-पल की रिपोर्ट संबंधित विभाग तक पहुंचा रही हैं।
इस गर्मी में भी जमीनी स्तर पर कोरोना के खिलाफ आशाएं मोर्चा संभाले हुए हैं। इस तपती धूप में वह घर-घर जाकर सर्वे का काम कर रही हैं। उनके क्षेत्र में कौन बाहर से आया है और कौन बीमार है, इसकी जानकारी वह रोजाना ले रही हैं। साथ ही अपने क्षेत्र में बाहरी राज्यों और जिलों से आए लोगों को होम क्वॉरेंटाइन कर नियमित उनकी मॉनिटरिंग कर रही हैं। जिसकी रिपोर्ट वह स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करा रही हैं।
शहरी क्षेत्र के मगरियापुरा वार्ड की आशा मालती ने बताया कि वह नियमित अपने क्षेत्र में घर-घर जाकर सर्वे कर रही हैं। साथ ही जो लोग बाहर से आए हैं, उनको चिन्हित कर उन्हें 14 दिन तक घर में रहने की हिदायत दे रही हैं। लगातार मॉनिटरिंग भी की जा रही है, ताकि लोग अपने घरों से बाहर ना निकलें। कोरोना के इस मुश्किल समय में काम करने में उन्हें बिल्कुल डर नहीं लग रहा है। बल्कि अच्छा लग रहा है कि देश सेवा करने का मौका मिला है। फतेहपुर बजरिया क्षेत्र की आशा नीलम व वंदना ने बताया कि वह नियमित रूप से घर-घर जाकर सर्वे कर रही हैं ।
लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग रखना और अति आवश्यक काम होने पर ही घरों से बाहर निकलने और मास्क लगाकर निकलने के बारे में बता रही हैं। इसी तरह भटीपुरा की आशा रजनी व सुभाष नगर की आशा जय देवी का कहना है कि कोरोना के इस दौर में उन्हें समाज व देश की सेवा का मौका मिला है। वह अपनी जिम्मेदारियों को पूरी ईमानदारी व निष्ठा से निभा रही हैं। गर्मी व धूप उन्हें डिगा नहीं सकती।
जिला स्वास्थ्य एवं शिक्षा अधिकारी शिवकुमार ने बताया कि जिले के ग्रामीण क्षेत्र में 650 और शहरी क्षेत्र में 21 आशाएं काम कर रहीं हैं। कोविड-19 के इस मुश्किल समय में वह लगातार बहुत सराहनीय कार्य कर रही हैं। इस दौरान कई आशाएं हैं, जिनके छोटे-छोटे बच्चे हैं, फिर भी वह अपने फर्ज को बखूबी निभा रही हैं। उन्हें खुद की सुरक्षा का ख्याल रखने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। उन्हें हैंड ग्लब्ज, मास्क, सैनिटाइजर आदि भी विभाग की तरफ से उपलब्ध करवाया गया है।
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