
लालपुर ग्राम पंचायत बनी ग्राम पंचायत अधिकारी की कमाई का जरिया
बिसवा सीतापुर -सरकार की मंशा है कि हर उस पात्र व्यक्ति तक सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुँचे बावजूद इसके ग्राम पंचायत अधिकारी की मिली भगत से सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं में जम कर भ्रष्टाचार हो रहा है। बिसवां ब्लाक की ग्राम पंचायत लालपुर में।जहां पर स्वच्छता मिशन
बिसवा सीतापुर -सरकार की मंशा है कि हर उस पात्र व्यक्ति तक सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुँचे बावजूद इसके ग्राम पंचायत अधिकारी की मिली भगत से सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं में जम कर भ्रष्टाचार हो रहा है। बिसवां ब्लाक की ग्राम पंचायत लालपुर में।जहां पर स्वच्छता मिशन के अंतर्गत शौचालय का निमार्ण प्रधान द्वारा कराया गया है।जो मानक विहीन बने है।शौचालय बने हुए कुछ ही माह बीते है।किसी का दरवाजा टूटा है तो किसी के टैंक पर रक्खा पत्थर टूट गया है।ये शौचालय उपयोग करने योग्य नही है। इन शौचालय में घटिया समाग्री का इस्तेमाल हुआ है।
लेकिन ग्राम पंचायत अधिकारी को तो सिर्फ अपना कमीशन चाहिए उनको जनता की समस्याओं से क्या मतलब।एक प्रश्न उठता है।कि आखिर ग्राम पंचायत अधिकारियों का काम होता क्या है?गांव को विकाश की और ले जाने में ग्राम पंचायत अधिकारी का अहम योगदान होता है।गांव की विभिन्न योजनाओं को पास करना और मानक के अनुरूप कार्य करवाना आदि परंतु ग्राम पंचायत अधिकारी सिर्फ पैसों के बंदर बांट में जुटे हुए है।चाहे आवास हो गांव के तालाब, गांव में खड़ंजा नाली निर्माण, सभी मे सरकारी धन का दुरुपयोग ही किया जा रहा है।
ऐसे में ग्रामवासी किसके पास जाये और किससे अपनी समस्या बताये ये एक बड़ी समस्या बनी हुई है। ग्रामीणों ने बताया की प्रत्येक आवास में 15 से 20 हजार रुपये जबरन लिए गए है।और बताया कि प्रधान और सेक्रेट्री साहब की बैंक में भी चलती है। बिना उनके पैसे नही मिलते और जैसे ही पैसे मिले हम लोगों से जबरन यह कहकर ले लिए गए कि ये पैसे ऊपर तक जाते है।नही दोगे तो अगली क़िस्त नही मिलेगी। इसी कारण हम लोगों के आवास पूर्ण नहीं है।
गांव के ही एक दिव्यांग व्यक्ति ने बताया कि मेरा नाम आवास लिस्ट में मौजूद होने के बावजूद भी आवास का लाभ नही दिया जा रहा है।जो जांच का विषय है।उसी दिव्यांग व्यक्ति ने बताया कि हमको दिव्यांग पेंशन का भी लाभ नही मिल रहा है।गौरतलब है कि ऐसे में क्या ग्राम पंचायत अधिकारी को ज्ञात नही है। कि हमारी ग्राम सभा में कितने दिव्यांग है।उनको पेंशन का लाभ मिल रहा है या नही।पर अधिकारियों को तो अपनी खाऊ कमाऊ नीति से छुट्टी मिले तब न वो ग्राम वासियों पर ध्यान दें यह चिंता का विषय है।कुल मिला कर मौजूदा सरकार की चारो तरफ ये अधिकारी किर किरी करा रहें है।
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