
सरकार के स्वच्छता अभियान को ठेंगा दिखाता प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ईंटों
जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते गरीब मरीजों को नहीं मिल पा रहा इलाज जालौन।कस्बा ईंटों में स्थित नया प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सरकार के स्वच्छता अभियान को ठेंगा दिखा रहा है!इस स्वास्थ्य केन्द्र में डांक्टर तो है ही नही और स्वच्छता के नाम पर स्वास्थ केन्द्र के चारों ओर झाड़ियां और घास खड़ी हुई है। लोगों

जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते गरीब मरीजों को नहीं मिल पा रहा इलाज
जालौन।कस्बा ईंटों में स्थित नया प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सरकार के स्वच्छता अभियान को ठेंगा दिखा रहा है!इस स्वास्थ्य केन्द्र में डांक्टर तो है ही नही और स्वच्छता के नाम पर स्वास्थ केन्द्र के चारों ओर झाड़ियां और घास खड़ी हुई है। लोगों ने पेशाब करने की जगह बना ली।

जिसकी बजह से दूर दूर तक दुर्गन्ध फैली रहती है।दूर से देखने पर अस्पताल नहीं मूत्रालय दिखता है। अस्पताल के अन्दर तो देखते ही बनता है। नर्स डेरेसिग रूम से लेकर मरीजों के लेटने के बार्ड आदि सभी कमरों में कबाड़ भरा हुआ है। मकड़ी का जाल बिछा हुआ है।

मरीजों के लेटने वाले पलंगों पर धूल जमी हुई है। डांक्टर नहीं होने के साथ साथ अस्पताल कबाड़ में तब्दील हो गया है। जबकि अन्य स्टाफ़ में चार से पांच लोग हैं। जिनमें से सभी की अपने काम की जिम्मेदारी है। किसी का काम साफ सफाई का है। किसी का काम अस्पताल के रख रखाव का है।

लेकिन कोई भी अपने काम को जिम्मेदारी से नहीं करना चाहते हैं और हजारों रुपये की बेतन पा रहे हैं।सरकार ने पब्लिक को स्वस्थ रखने के लिए लाखों रूपये खर्च करके अस्पताल की बिल्डिंग बनवाई है। जिसका रख रखाव नहीं हो पा रहा है। बीमार लोगों को इलाज नहीं मिल पा रहा है।

सरकार निशुल्क दबाएं जांच करने के लिए मशीनों आदि में हर वर्ष लाखों रूपये पानी की तरह बहा रही है। लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते सरकार का लाखों रूपये बर्बाद हो रहा है। जिसका गरीबों को और मरीजों को लाभ नहीं मिल पा रहा है।
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