कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी 35 दिन बाद इंदौर जेल से रिहा

कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी 35 दिन बाद इंदौर जेल से रिहा

स्वतंत्र प्रभात। प्रयाग राज।डीएस त्रिपाठी की रीपोर्ट। हिंदू देवी-देवताओं को लेकर कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के मामले में उच्चतम न्यायालय से अंतरिम जमानत मिलने के बाद हास्य कलाकार मुनव्वर फारुकी को शनिवार देर रात इंदौर के केंद्रीय कारागार से रिहा कर दिया गया। वह पिछले 35 दिन से भाजपा विधायक के पुत्र की शिकायत पर

स्वतंत्र प्रभात।
‌प्रयाग राज।डीएस त्रिपाठी की रीपोर्ट।
‌हिंदू देवी-देवताओं को लेकर कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के मामले में उच्चतम न्यायालय  से अंतरिम जमानत मिलने के बाद हास्य कलाकार मुनव्वर फारुकी  को शनिवार देर रात इंदौर के केंद्रीय कारागार से रिहा कर दिया गया। वह पिछले 35 दिन से भाजपा विधायक के पुत्र की शिकायत पर न्यायिक हिरासत के तहत इस जेल में बंद थे।
‌पहले तो केंद्रीय जेल प्रशासन ने प्रयागराज की एक अदालत के जारी पेशी वॉरंट का हवाला देते हुए फारुकी की रिहाई में शनिवार देर शाम असमर्थता जताई थी, लेकिन बाद में मामले में सुप्रीम कोर्ट का शुक्रवार को पारित आदेश जेल प्रशासन को मिला जिसके आधार पर फारुकी को शनिवार देर रात रिहा कर दिया गया। इस आदेश के तहत उच्चतम न्यायालय ने फारुकी को इंदौर में दर्ज मामले में अंतरिम जमानत दे दी थी। इसके साथ ही धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के ही आरोप में उनके खिलाफ प्रयागराज में दर्ज मामले में वहां की एक निचली अदालत के जारी पेशी वॉरंट पर रोक भी लगा दी थी।
‌मुनव्वर के वकीलों ने इंदौर की जिला अदालत में शनिवार को सुप्रीम कोर्ट का आदेश मुहैया कर जमानत की औपचारिकताएं पूरी कीं। स्थानीय अदालत ने 50,000 रुपये की जमानत और इतनी ही राशि के मुचलके पर फारुकी को सेंट्रल जेल से रिहा करने का आदेश दिया।
‌मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी की स्थानीय विधायक मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ की शिकायत पर 1 जनवरी को गिरफ्तारी के बाद से फारुकी इंदौर के सेंट्रल जेल में बंद थे। पहले जिला अदालत और इसके बाद मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने फारुकी की जमानत अर्जियां दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद खारिज कर दी थीं। इसके बाद हास्य कलाकार ने जमानत पर रिहाई के लिए उच्चतम न्यायालय की शरण ली थी।
‌शनिवार को देर रात में फारुकी को केंद्रीय जेल से रिहा किया गया।केंद्रीय जेल के एक अधिकारी ने कहा कि प्रयागराज की एक कोर्ट ने वहां दर्ज मामले में फारुकी को 18 फरवरी को पेश किए जाने को आदेश दिया है. लिहाजा जेल मैन्युअल के हिसाब से फारुकी को रिहा करने के लिए प्रयागराज की अदालत या सरकार के किसी सक्षम प्राधिकारी के आदेश की जरूरत होगी।
‌पूर्व गृह मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने फारुकी को रिहा न करने पर सवाल उठाए थे।उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार सुबह अंतरिम जमानत का आदेश पारित किया था, लेकिन अभी तक फारुकी को रिहाई नहीं मिल सकी।30 घंटे बीत जाने के बावजूद फारुकी बाहर नहीं आ सके. एमपी पुलिस और जेल प्रशासन सुप्रीम कोर्ट के आदेश को कमतर करने का प्रयास कर रहे हैं
‌एक जनवरी को गिरफ्तारी के बाद से फारुकी इंदौर की केंद्रीय जेल में थे । गौड़ ने फारुकी और चार अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।विधायक पुत्र का आरोप है कि शहर के एक कैफे में एक जनवरी की शाम आयोजित इस कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गोधरा कांड को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई थीं।
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