जीएसटी कौंसिल की हठधर्मिता और टैक्स की दरों में वृद्धि को लेकर व्यापारियों में रोष

जीएसटी कौंसिल की हठधर्मिता और टैक्स की दरों में वृद्धि को लेकर व्यापारियों में रोष

जीएसटी कौंसिल की हठधर्मिता और टैक्स की दरों में वृद्धि को लेकर व्यापारियों में रोष


सहारनपुर। 

देश में वस्तु एवं सेवाकर प्रणाली (जीएसटी) के पांच वर्ष पूर्व होने की पूर्व संध्या पर उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मण्डल की जिला इकाई के प्रमुख पदाधिकारियों की स्थानीय रेलवे रोड के एक सभागार में समीक्षा बैठक को सम्बोधित करते हुए जिलाध्यक्ष शीतल टण्डन ने कहा कि जीएसटी कौसिंल की हठधर्मिता और गत दिवस चण्डीगढ़ में सम्पन्न हुई जीएसटी कौसिंल की बैठक में अनेक वस्तुओं पर टैक्स घटाने की बजाये जीएसटी की दरें बढ़ा दी गयी हैं, जिसको लेकर व्यापारियों में बेहद रोष व्याप्त है। 

टण्डन ने कहा कि 1 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू होने के बाद जीएसटी काऊन्सिल की 45 बैठकें हो चुकी हैं और हर बार व्यापारियों को इसके सरलीकरण व टैक्स दरों में कमी करने की इंतजार रही है, लेकिन ये दुभाग्र्यपूर्ण है कि सरकार केवल अपना राजस्व एकत्रित करने की ओर अग्रसर है, उसको व्यापारियों और देश के उपभोक्ताओं व इसके कारण हो रही महंगाई और विभागीय उत्पीड़न से व्यापारियों की कठिनाईयों से कुछ लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि इन पांच वर्षो में अनगिनत संशोधन किये जाने से स्पष्ट है कि इस प्रणाली में कितनी खामियां हैं। उन्होंने मांग की कि टैक्स की दरें 5,10 और 15 प्रतिशत की होनी चाहिए, परन्तु सरकार ने गत दिवस डिब्बा बन्द ब्रान्डेड दही, पनीर, शहद, आटा,चावल पर भी जीएसटी लगा दिया और यहां तक कि उपभोक्ताओं के बैंकों के खातों के अंतर्गत चैकबुक के शुल्क पर भी 18 प्रतिशत जीएसटी लगा दी साथ ही 1000 रूपये से कम होटल के कमरों के किराये पर भी 12 प्रतिशत टैक्स लगा दिया है। इसके अतिरिक्त छपाई, एलईडी लैम्प, मशीनरी व अनेक वस्तुएं पर भी टैक्स की दर बढ़ा दी है और व्यापारी वर्ग का वाणिज्य कर विभाग के द्वारा शोषण किया जा रहा है, सर्वे-छापे व अनावश्यक जांच केन्द्रीय जीएसटी व राज्य जीएसटी के अधिकारियों द्वारा किये जा रहे हैं। 

उन्होंने इस सम्बन्ध में केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की भी आलोचना करते हुए कहा कि उनको व्यापारियों व उपभोक्ताओं की समस्याओं व महंगाई से कुछ लेना-देना नहीं है। सरकार का एकसूत्री कार्यक्रम केवल राजस्व एकत्रित करना है। उन्होंने कहा कि जीएसटी काउन्सिल द्वारा देश में जीएसटी के पांच वर्ष पूर्ण होने पर काउन्सिल द्वारा देश के व्यापारियों और उपभोक्ताओं के समक्ष महंगाई का तोहफा दिया है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने मांग की कि जीएसटी की दरों को अविलम्ब कम किया जाये और इस पूरी प्रणाली की समीक्षा कर इसका सरलीकरण किया जाये अन्यथा व्यापारियों के समक्ष आंदोलन के अतिरिक्त कोई विलम्ब नहीं होगा। 

गोला तहसील तिराहे पर नई पुलिया धंसने से हड़कंप,रातोंरात पैचवर्क कर भ्रष्टाचार छिपाने की कोशिश, गुणवत्ता पर उठे गंभीर सवाल Read More गोला तहसील तिराहे पर नई पुलिया धंसने से हड़कंप,रातोंरात पैचवर्क कर भ्रष्टाचार छिपाने की कोशिश, गुणवत्ता पर उठे गंभीर सवाल


बैठक में जिलाध्यक्ष शीतल टण्डन, जिला महामंत्री रमेश अरोड़ा, जिला कोषाध्यक्ष राजीव अग्रवाल, मेजर एस.के.सूरी, बलदेव राज खुंगर, अनिल गर्ग, कर्नल संजय मिडढा, सतीश ठकराल, प्रवीन चांदना व भोपाल सिंह सैनी आदि व्यापारी प्रतिनिधि उपस्थित रहे। 

डीएम साहब, एक नज़र हमारी ‘गांव की गंगा’ पर भी Read More डीएम साहब, एक नज़र हमारी ‘गांव की गंगा’ पर भी

Tags:

About The Author

स्वतंत्र प्रभात मीडिया परिवार को आपके सहयोग की आवश्यकता है ।

Post Comment

Comment List

आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel