हरे पेड़ों की हो रही अंधाधुंध कटान
हरे पेड़ों की हो रही अंधाधुंध कटान
स्वतंत्र प्रभात
भीटी अंबेडकर नगर।
भीटी तहसील में हरे पेड़ों के अंधाधुंध कटान से मानव जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। जहां ऑक्सीजन की कमी होने लगी है। वही मौसम का चक्र भी पूरी तरह बिगड़ गया है। वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ रही है।बिगड़े वायुमंडल के चलते स्वास संक्रमण जैसी बीमारियों को बढ़ावा मिल रहा है।
पेड़ों की कटान से दुर्लभ जीव जंतु विलुप्त होने के कगार पर है और जल स्तर गिरने के साथ ही बंजर हो रही है जमीन विकास की बीमार में औद्योगिकीकरण तेजी से बढ़ रहा है उद्योगों का बढ़ता यही दायरा प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है। दरअसल वृक्षों के कटान सीधे पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव डाल रहा है। इससे ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्या बढ़ती जा रही है जिसका सीधा असर मौसम पर दिखाई दे रहा है बे मौसम बरसात और सर्दी के कारण दिनों दिन गर्म होते मौसम से साफ है कि यदि पर्यावरण के प्रति सचेत नहीं हुए तो परिणाम और भी भयावह होंगे यही नहीं कम होते हैं
पेड़ों का असर जैविक विविधता पर भी साफ दिखाई दे रहा है हर 10 साल में स्तनधारी जीव जंतु विलुप्त हो रहे हैं वासुदेव कुटुंबकम जियो और जीने दो जैसी तर्ज पर चल कर संरक्षित किया जा सकता है इससे ही प्रकृति पेड़-पौधे जीव जंतु और मनुष्य के बीच सामंजस्य कायम किया जा सकता है भीटी तहसील में जिस तरह से पुलिस और वन विभाग की मिलीभगत से हरे पेड़ों की कटान की जा रही है अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले समय में और भी भयावह स्थिति उत्पन्न हो सकती है
जिले से लेकर तहसील के ठेकेदारों तक भीटी तहसील सबसे मुनासिब हरे पेड़ों के कटान के लिए जानी जाती है इतनी स्थिति और किसी भी तहसील में नहीं बिगड़ रही है। अगर हरे पेड़ों की शिकायत उप जिलाधिकारी से की जाए तो वह भी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं वन विभाग से अगर किया जाए तो वह पहले ही बिके हुए रहते हैं सीधा असर भीटी महरुआ अहिरौली थाना क्षेत्र ऐसा है जहां पर पुलिस खुद पैसा लेकर हरे पेड़ों को कटवा रही है 2 दिन के अंदर करीब 1 दर्जन से अधिक पेड़ भीटी और महरुआ क्षेत्र में काटे गए हैं
इस विषय पर जब वन विभाग से शिकायत की गई तो उन्होंने मात्र जुर्माना करके छोड़ दिया।इस विषय पर जब भीटी थानाध्यक्ष से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह हमारी जिम्मेदारी नहीं है इसे बन विभाग से बात कीजिए यही हाल महरुआ थाना अध्यक्ष का भी है उनका फोन कभी नहीं उठता 24 घंटे में आधे दिन निद्रा में ही रहते हैं ऐसी स्थिति में हरे पेड़ों की कटान कौन रोकेगा यह समस्या का विषय बना हुआ है।
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